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महाकुंभ नगर, 17 जनवरी(हि.स)। दिव्य प्रेम सेवा मिशन, हरिद्वार द्वारा शुक्रवार को कुंभ नगरी प्रयागराज की पावन भूमि पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस प्रेरणादायक और वैचारिक कार्यक्रम का विषय था भारत की गौरव गाथा बनाम आत्महीनता की भावना, जो भारतीय संस्कृति की उज्ज्वल परंपराओं और सामाजिक चेतना को जागृत करने का एक सार्थक प्रयास था।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आचार्य महामंडलेश्वर निरंजनी अखाड़ा स्वामी कैलाशानन्द गिरी महाराज ने अपने आध्यात्मिक अनुभव और गीता के गहन अर्थों को साझा करते हुए सनातन धर्म की अनंत महिमा का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भारत की प्राचीन परंपराएं, जैसे ध्यान, तप और यज्ञ, आज भी विश्व को सही दिशा प्रदान करने में सक्षम हैं।मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने भारत की महान सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक समरसता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत की गरिमा को पुनः स्थापित करने के लिए सभी वर्गों को एकजुट होकर कार्य करना होगा। उनका उद्बोधन समाज में व्याप्त ऊंच-नीच के भेदभाव को समाप्त कर वसुधैव कुटुंबकम् के आदर्श को साकार करने की प्रेरणा देता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने की। उन्होंने कहा कि भारत को पुनः विश्वगुरु के स्थान पर पहुंचाने के लिए युवाओं को आत्मविश्वास और भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़ना होगा। उन्होंने आयुर्वेद, योग और भारतीय चिंतन के महत्व पर जोर देते हुए इसे जीवन में अपनाने की आवश्यकता बताई।
मंच पर दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. आशीष गौतम, संयोजक संजय चतुर्वेदी, अपर महाधिवक्ता महेश चतुर्वेदी और सह संयोजक राघवेंद्र सिंह सहित मिशन के अनेक पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे। श्रद्धालुओं और गणमान्य अतिथियों ने भी बड़ी संख्या में सहभागिता की।
कार्यक्रम के दौरान स्वामी कैलाशानन्द गिरी जी महाराज ने आत्महीनता की भावना को त्यागने और सनातन धर्म के आलोक में जीवन को श्रेष्ठ बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के मौलिक तत्व, जैसे धर्म, सत्य, और अहिंसा, ही मानवता का मार्ग प्रशस्त करते हैं। कार्यक्रम का समापन अपर महाधिवक्ता महेश चतुर्वेदी जी के सारगर्भित उद्बोधन और सामूहिक वंदे मातरम् के गायन के साथ हुआ।
दिव्य प्रेम सेवा मिशन के इस आयोजन ने भारतीय संस्कृति, सनातन परंपरा, और राष्ट्रीय गौरव के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का सफल प्रयास किया। यह कार्यक्रम राष्ट्र निर्माण और समाज में सकारात्मक परिवर्तन के प्रति एक समर्पित पहल के रूप में सभी के हृदय में अमिट छाप छोड़ गया।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन