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कोलकाता, 17 जनवरी (हि. स.)। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर छात्रा के बलात्कार और हत्या के मामले में शनिवार को सियालदह अदालत का फैसला आएगा। इस बहुचर्चित मामले में आरोपित सिविक वॉलंटियर पर देशभर की नजरें टिकी हैं। इस फैसले को सुनाने वाले अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बाण दास भी चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।
अनिर्बाण दास को उनकी कड़ी न्यायप्रियता और सूझबूझ के लिए जाना जाता है। इससे पहले बारासात में एनडीपीएस कोर्ट के जज रहते हुए उन्होंने एक आरोपित को फांसी की सजा सुनाई थी। आरजी कर मामले में भी उनकी सूझबूझ की सराहना हो रही है। नवंबर 2024 में शुरू हुई इस मामले की सुनवाई उन्होंने इन-कैमरा रखी, जिसमें 50 गवाहों के बयान दर्ज किए गए।
अनिर्बाण दास ने बर्दवान विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और 1995 में वकील के तौर पर अपना करियर शुरू किया। 1999 में वे सिविल जज (जूनियर डिवीजन) बने। इसके बाद उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिनमें अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला जज, और एनडीपीएस कोर्ट के जज शामिल हैं।
उनकी कार्यशैली को लेकर सियालदह अदालत के कर्मचारी भी प्रशंसा करते हैं। वे समयनिष्ठ और कानून के गहरे जानकार माने जाते हैं। आरजी कर मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उनकी भूमिका पर उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट की भी निगाह रही है।
शनिवार को आने वाले इस फैसले से न केवल पीड़िता के परिवार, बल्कि न्यायपालिका की निष्पक्षता में विश्वास रखने वाले सभी लोगों की उम्मीदें जुड़ी हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर