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महाकुम्भ नगर, 17 जनवरी (हि.स.)। महाकुम्भ का पवित्र मेला जहां लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था की डुबकी लगाने संगम पहुंचते हैं वहीं एनडीआरएफ की सतर्कता और समर्पण का साक्षी बना हुआ है। आपातकालीन स्थितियों में त्वरित सहायता प्रदान करना एनडीआरएफ की प्राथमिकता है, जिसका वह बखूबी निर्वहन कर रहे हैं।
उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि आज टीकरमाफी घाट पर कौशाम्बी जनपद से आईं 32 वर्षीय महिला श्रद्धालु अर्चना देवी और अरैल घाट पर भोपाल से आए 36 वर्षीय राहुल नागर गंगा जी में स्नान करने के तुरंत बाद हाइपोथर्मिया के लक्षणों से प्रभावित हो गए। इस विकट स्थिति में एनडीआरएफ की टीम ने अपनी सजगता और मानवीय संवेदनशीलता का परिचय दिया। मौके पर मौजूद एनडीआरएफ के डॉक्टरों और नर्सिंग सहायकों ने बिना समय गंवाए पीड़ितों को आवश्यक प्राथमिक चिकित्सा प्रदान की। जिससे दोनों श्रद्धालुओं को राहत मिली। इसके बाद उन्नत चिकित्सा सुविधा के लिए पीड़ितों को एनडीआरएफ की वॉटर एम्बुलेंस से सुरक्षित भेजा गया।
उपमहानिरीक्षक ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके नेतृत्व में एनडीआरएफ की टीमें पूरे महाकुम्भ के जलक्षेत्र और स्नान घाटों पर दिन-रात तैनात है। महाकुम्भ जैसे विशाल आयोजन में एनडीआरएफ की सतर्कता, सेवा और समर्पण श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा का एक भरोसेमंद आधार है। वॉटर एम्बुलेंस सेवा और बचावकर्मियों की सक्रियता एनडीआरएफ के आदर्श वाक्य “आपदा सेवा सदैव सर्वत्र“ को दर्शाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र