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मीरजापुर, 17 जनवरी (हि.स.)। मीरजापुर पुलिस के ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत जिले के टॉप-10 अपराधियों में शामिल बच्चा सिंह उर्फ शोभा को अदालत ने शुक्रवार को आजीवन सश्रम कारावास और एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई। यह फैसला अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कक्ष संख्या-03, संतोष कुमार गौतम की अदालत ने सुनाया। अपराध सिद्ध होने के बाद न्यायालय ने बच्चा सिंह को हत्या और हत्या के प्रयास के मामले में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई।
यह मामला 13 जनवरी 2019 का है, जब थाना कोतवाली शहर के अंतर्गत वादी सौरभ कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी। उनके बड़े भाई सुनील और एक अन्य व्यक्ति त्रिलोकी अपनी दुकान पर बैठे थे। इसी दौरान संजय सिंह और उसका भाई बच्चा सिंह असलहे के साथ पहुंचे। मुकदमे को लेकर हुए विवाद के चलते उन्होंने जान से मारने की नीयत से गोली चला दी। इस हमले में त्रिलोकी की मौत हो गई, जबकि सुनील गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अभियुक्तों को गिरफ्तार किया और मुकदमा दर्ज किया। संजय सिंह की मौत मामले की सुनवाई के दौरान हो गई, जबकि बच्चा सिंह पर हत्या और हत्या के प्रयास के आरोप सिद्ध हुए।
पुलिस की प्रभावी पैरवी ने केस काे बनाया मजबूतपुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में इस मामले को प्राथमिकता दी गई। पुलिस ने मजबूत विवेचना और गवाहों की प्रभावी पेशी से केस को मजबूत बनाया। अभियोजन अधिकारी श्रीधर पाल, विवेचक निरीक्षक हरिश्चंद्र सरोज, कोर्ट मुहर्रिर आरक्षी आशुतोष चंद्र, महिला मुख्य आरक्षी प्रज्ञा चतुर्वेदी, और पैरोकार धनंजय यादव ने प्रभावी पैरवी करते हुए अभियुक्त को सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
अदालत का फैसला
मुकदमे में अदालत ने दोषी बच्चा सिंह उर्फ शोभा को धारा 302 और 307 के तहत आजीवन सश्रम कारावास और एक लाख का जुर्माना सुनाया। जुर्माना न अदा करने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इसके अलावा आयुध अधिनियम की धारा 3/25 के तहत उसे तीन साल का सश्रम कारावास और दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माना न देने पर एक महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा