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नई दिल्ली, 17 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे पी नड्डा की अध्यक्षता में शुक्रवार को केंद्रीय पर्यवेक्षी बोर्ड (सीएसबी) की 30वीं बैठक आयोजित की गई।
बैठक में गर्भाधान पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम, 1994 के कार्यान्वयन की देखरेख पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसका उद्देश्य लिंग चयन एवं निर्धारण के लिए चिकित्सा प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग से निपटना है।
इस बैठक में स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर, स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिल श्रीवास्तव सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
बैठक के बाद जेपी नड्डा ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि 30वीं केंद्रीय पर्यवेक्षी बोर्ड (सीएसबी) की बैठक में गर्भाधान पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन निषेध) अधिनियम, 1994 के कार्यान्वयन को सुदृढ़ बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
उन्होंने कहा कि बोर्ड की बैठक उभरती प्रौद्योगिकियों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने, प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सख्त नियामक उपायों का आग्रह करने तथा कानून प्रवर्तन एजेंसियों और जनता के बीच अधिनियम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सर्वसम्मति के साथ संपन्न हुई।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी