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धमतरी, 17 जनवरी (हि.स.)। लंबे समय से कई समस्याओं से जूझ रहे 20 गांवों के किसान अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए है। मांगे पूरी नहीं होने पर शासन-प्रशासन को कई चेतावनी दे रहे हैं।
वनांचल क्षेत्र के किसान संघर्ष समिति बेलरबाहरा जोन के किसानों की भीड़ 17 जनवरी से अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर 20 गांवों के ग्रामीणों के साथ घने जंगल के बीच बसे ग्राम तुमड़ीबहार गांव के मुख्य चौक पर अनिश्चितकालीन आंदोलन पर बैठ गए है। बड़ी संख्या में ग्रामीण व किसान अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं, ताकि उनकी मांगे पूरी हो सके। किसान व ग्रामीणों की मांग है कि हाई स्कूल तुमड़ीबहार को हायर सेकेंडरी में उन्नयन किया जाए। मेचका तिराहा से सोंढूर बांध तक सड़क मरम्मत कार्य, आदिम जाति सेवा सहकारी समिति की मांग, स्कूल में पदस्थ विज्ञान के शिक्षक को हटाकर नए शिक्षक की नियुक्ति सहित अन्य बहुतप्रतिक्षित मांगे शामिल है। इन मांगों को लेकर किसान व ग्रामीणों की भीड़ कुछ माह पहले भी अनिश्चितकालीन धरना देकर अपनी आवाज बुलंद कर चुके हैं, लेकिन उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया।
इस दौरान हड़तालियों ने स्कूल में तालाबंदी भी किया था और स्कूली बच्चे भी प्रदर्शन में कूद गए थे। तब अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को आश्वासन दिया था, इसके बाद किसानों ने अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया था, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं हुई है, इससे आक्रोशित किसान व ग्रामीणों की भीड़ पुन: आंदोलन में बैठ गए है। किसानों ने इस बार शासन-प्रशासन को चेतावनी दिए है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, तब तक आंदोलन करते रहेंगे। ग्रामीणों की मांग है कि अरसीकन्हार से गरहाडीह जंक्शन तक 16 किलोमीटर पीएमजीएसवाय पक्की सड़क निर्माण किया जाए। थाना मेचका से लेकर सोंढूर बांध तक सड़क मरम्मत कार्य, सोंढूर बांध जीरों से ग्राम बेलरबाहरा, तुमड़ीबहार, ठेनही, बासीन, अर्जुनी, गाताभरी,दौड़ पंडरीपानी, छोटे गोबरा तक नहर नाली का विस्तार करने की मांग की है। इसी तरह सोंढूर जलाशय एवं मुचकुंद ऋषि पर्वत को पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग है। सोंढूर जलाशय एवं नहर नाली के लिए ग्राम आरसीकन्हार मेचका के किसानों का अधिग्रहित जमीन का मुआवजा दिलाने, उपस्वास्थ्य केंद्र बेलरबाहरा से सोंढूर बांध जीरो तक पीएमजीएसवाय पक्की सड़क निर्माण आदि मांग शामिल है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा