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इस्लामाबाद, 14 जनवरी (हि.स.)। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने आज एक न्यायाधीश से कहा, यह कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन हमने अदालतों पर से विश्वास खो दिया है। उनकी यह टिप्पणी न्यायाधीश ताहिर अब्बास सिपरा की अध्यक्षता वाली आतंकवाद विरोधी अदालत (एटीसी) में एक मामले की सुनवाई के दौरान आई। यह मामला रेंजर्स कर्मियों पर एक वाहन चढ़ाने के आरोप से संबंधित था।
'जियो न्यूज' चैनल के अनुसार, सुनवाई के दौरान जज ने बुशरा से कहा, इसमें कुछ समय लगा है, लेकिन कानूनी प्रोटोकॉल का पालन किया गया है। इस पर बुशरा बीबी ने जवाब दिया, यह कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन हमने अदालतों पर से विश्वास खो दिया है। न्यायाधीश सिपरा ने इस पर असहमति जताते हुए आश्वासन दिया, हर जगह ऐसा नहीं है। न्याय प्रणाली अपनी खामियों के बावजूद काम कर रही है। अगर यह ध्वस्त हो गई, तो समाज का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। आप अन्य सुनवाई में भी मेरे सामने पेश हुई हैं।
पीटीआई संस्थापक की पत्नी ने कहा, देश में कानून है लेकिन न्याय नहीं है। पीटीआई संस्थापक को संविधान की सर्वोच्चता बनाए रखने के लिए जेल में डाल दिया गया है। हमने जो कुछ सहा है, उससे कानून में हमारा विश्वास पूरी तरह से टूट गया है। दलीलों के बाद कोर्ट ने रमना पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में बुशरा को अंतरिम जमानत दे दी और राहत की अवधि 7 फरवरी तक बढ़ा दी। इसके अलावा संघीय राजधानी इस्लामाबाद में एक अन्य अदालत ने डी-चौक विरोध प्रदर्शन से संबंधित 13 मामलों में बुशरा को अंतरिम जमानत प्रदान की।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद