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दुमका, 14 जनवरी (हि.स.)। जिले के जामा प्रखंड मुख्यालय से करीब दस किलोमीटर दूरी पर स्थित प्राकृतिक छटा बिखेरते तातलोई गर्म जलकुंड में मकर संक्रांति पर साफा होड़ समुदाय के अलावा हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगा पूजा अर्चना कर परिवार के सदस्यों के लिए खुशहाल जीवन की कामना की।
मेले में पहुंचे पाकुड़ जिले के साफा होड़ समुदाय के साफा होड़ अमीन मुर्मू और शिव नगर के धर्म गुरु बुधन हांसदा ने बताया कि आदिवासी समुदाय के लोग सरना धर्मावलंबी मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में मारांग बुरु बुढ़ा बूढ़ी, सिंग बोंगा सरना माता का पूजा अर्चना करते हैं। इस दौरान नौ प्रकार की लकड़ी जलाकर हवन-पूजन की जाती है और तुलसी पिंड लगाया जाता है। उसी तुलसी पिंड को भगवान शिव एवं राम मानकर पूजा अर्चना की जाती है एवं हवन पूजन के माध्यम से नव ग्रह से मुक्ति मिलती है। साथ ही बताया कि यह पूजा अर्चना आदिवासी समाज के साफा होड़ समुदाय के लोग करीब 1906-07 से करते आ रहे हैं। तब से यह परंपरा चल रही है। मान्यता है कि जलकुंड के गरम पानी में औषधीय गुण पाया जाता है। इससे स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का चर्म रोग एवं पेट संबंधी बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है।
वहीं मकर संक्रांति पर भुरभुरी नदी किनारे तीन दिवसीय भव्य मेला के दूसरे दिन मंगलवार को काफी भीड़ उमड़ पड़ी। साफा होड़ का पूजा अर्चना विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। मकर संक्रांति मेला देखने आस-पास जिले से भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / नीरज कुमार