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Maharashtra, 14 जनवरी (हि.स.)।
मकर संक्रांति के
दौरान आयोजित किए गए शिविर के पहले दिन मुंबई में दो दर्जन से अधिक पक्षियों को 'मांजा' की चोटों से बचाया
गया, यह जानकारी वन विभाग के एक अधिकारी ने दी।
मकर संक्रांति, जो मुख्य रूप से
पतंग उड़ाने के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, इस दिन पतंग उड़ाने के दौरान नायलॉन 'मांजा' या कांच और अन्य
तेज धार वाली चीजों से मजबूत की गई पतंग की तारों का इस्तेमाल खतरनाक हो जाता है,
जिससे लोगों और
पक्षियों को गंभीर चोटें आती हैं और कभी-कभी मौत भी हो जाती है।
वन विभाग के
अधिकारियों ने बताया कि इस शिविर का आयोजन 'रेस्क्यू असोसिएशन फॉर वाइल्डलाइफ वेलफेयर' (RAWW) ) के सहयोग से किया
गया है।, जो एक स्वयंसेवी
संगठन है।
RAWW के संस्थापक
अध्यक्ष पवन शर्मा ने कहा, बचाए गए पक्षियों में फ्लेमिंगो, गरुड, उल्लू, पतंग, तोते, कबूतर और कौवे
शामिल हैं। इन पक्षियों को मुंबई भर से बचाया गया है और उनका इलाज पशु चिकित्सकों
और पुनर्वास विशेषज्ञों की टीम द्वारा किया जा रहा है।
रीवाइल्ड
सैंक्चुअरी संगठन की अध्यक्ष डॉ. रिना देव ने कहा, मांजा गंभीर चोटों
का कारण बनता है। इनमें से कुछ पक्षी फिर कभी उड़ने के काबिल नहीं होंगे।
इस बचाव कार्य ने
मकर संक्रांति के दौरान पतंगबाजी के दौरान इंसानों और पक्षियों के सुरक्षा के लिए
अधिक जागरूकता और प्रभावी उपायों की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / NISAR AHMED KHAN