मकर संक्रांति पर लाखों श्रद्धालुओं ने चित्रकूट पहुंच मंदाकिनी गंगा में लगाई आस्था की डुबकी
मकर संक्रांति पर लाखों श्रद्धालुओं ने चित्रकूट पहुंच मंदाकिनी गंगा में लगाई आस्था की डुबकी
मकर संक्रांति पर लाखों श्रद्धालुओं ने चित्रकूट पहुंच मंदाकिनी गंगा में लगाई आस्था की डुबकी


-मनोकामनाओं की पूर्ति को किये भगवान कामतानाथ के दर्शन

-मेला परिक्षेत्र में जिला प्रशासन ने किये सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

चित्रकूट,14 जनवरी (हि.स.)।मकर संक्रांति के उपलक्ष्य पर देश भर से लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट पहुंच कर देव गंगा मंदाकिनी में आस्था की डुबकी लगा मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान श्री कामतानाथ के दर्शन और पूजन कर कामदगिरि पर्वत की पंचकोसी परिक्रमा लगाई।

मकर संक्रांति पर्व पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के चित्रकूट आने की संभावना के मद्देनजर जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन एवं पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह द्वारा रामघाट और कामदगिरि परिक्रमा मार्ग मे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। वहीं चित्रकूट धाम मंडल बांदा के पुलिस उपमहानिरीक्षक अजय कुमार सिंह ने पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह और अपर पुलिस अधीक्षक चक्रपाणि त्रिपाठी आदि के साथ बरहा के प्रचीन हनुमान मंदिर में पहुंचकर पूजन अर्चना किया। इसके साथ परिक्रमा मार्ग की सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया।

चित्रकूट के प्रमुख संत कामदगिरि प्रमुख द्वार के महंत मदन गोपाल दास महाराज,सुप्रसिद्ध भागवताचार्य डॉ रामनारायण त्रिपाठी और कामतानाथ मंदिर के प्रधान पुजारी भरत शरण दास महाराज ने बताया कि मकर संक्रांति में मंदाकिनी गंगा में स्नान का विशेष महत्व है। देश भर से बड़ी संख्या में चित्रकूट आए श्रद्धालु मंदाकिनी में आस्था की डुबकी लगाने के बाद भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य देकर दान पुण्य कर जीवन को धन्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भगवान श्री कामतानाथ जी के दर्शन करने मात्र से लोगों की सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं । चित्रकूट में मकर संक्रांति पर्व के मुख्य स्नान के दौरान रामघाट पर करीब पांच लाख श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। वहीं सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गई, और यातायात में बदलाव किए गए। प्रशासन ने रामघाट क्षेत्र को 10 सेक्टरों में विभाजित किया। इसके अलावा सुरक्षा के मददेनजर बेड़ीपुलिया और शिवरामपुर से रामघाट तक का मार्ग सुबह 7 बजे से 10 बजे तक वन वे रहेगा। इसके बाद दोनों तरफ के मार्ग खोल दिए जाएंगे। भारी वाहनों को मेला क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। खोही, बिहारा और राम शैय्या की ओर भी भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह बंद रहेगा। केवल टैंपो, ई-रिक्शा, बाइक और छोटे चार पहिया वाहनों को अनुमति दी गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रतन पटेल