Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
महाकुम्भ नगर, 13 जनवरी (हि.स.)। पौष मूर्णिमा पर रात से ही छाए घने कोहरे के बावजूद संगम और महाकुम्भ मेले का समूचा क्षेत्र स्नानार्थियों से भर गया। हर हर गंगे, के घोष के साथ स्नान करने को लोगों का उत्साह हिलोरें मारने लगा ब्रह्म मुहूर्त में स्नानार्थियों ने गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम के जल में स्नान शुरू कर दिया।पौष पूर्णिमा पर स्नान के साथ महाकुंभ का शुभारम्भ हो गया। लाखों की संख्या में श्रद्धालु संगम में स्नान कर रहे हैं। पूरे दिन भर संगम तट के अलग अलग घाटों पर स्नान चलेगा। पौष पूर्णिमा पर्व पर 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान का अनुमान है।बता दें कि महाकुम्भ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा से एक दिन पहले ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने संगम स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। रविवार को लगभग 50 लाख श्रद्धालुओं ने संगम त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई। इस बार महाकुम्भ में 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के संगम में स्नान करने का अनुमान है।
घाटों पर सुरक्षा के खास इंतजामघाटों पर सुरक्षा के लिहाज से जल पुलिस और एनडीआरएफ की तैनाती की गई है।स्नान घाटों पर गंगा और यमुना के जलधारा में डीप वाटर बैरिकेडिंग भी की गई है। गंगा और यमुना के तट पर कुल 12 किलोमीटर में स्नान घाट बनाए गए हैं। पौष पूर्णिमा स्नान पर्व से ही महाकुंभ में पवित्र कल्पवास की शुरुआत होगी। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर सभी 13 अखाड़ों के संत स्नान करेंगे।
महाकुम्भ के पवित्र स्नान13 जनवरी (सोमवार)- स्नान, पौष पूर्णिमा14 जनवरी (मंगलवार)- अमृत स्नान (शाही स्नान), मकर सक्रांति29 जनवरी (बुधवार)- अमृत स्नान (शाही स्नान), मौनी अमावस्या3 फरवरी (सोमवार)- अमृत स्नान (शाही स्नान), बसंत पंचमी12 फरवरी (बुधवार)- स्नान, माघी पूर्णिमा26 फरवरी (बुधवार)- स्नान, महाशिवरात्रि
हिन्दुस्थान समाचार / Dr. Ashish Vashisht