सामूहिक रूप से मछली का शिकार कर मनाया उरुका पर्व
गोलाघाट/नगांव (असम), 13 जनवरी (हि.स.)। भोगाली बिहू यानी माघ बिहू के एक दिन पूर्व उरुका का पर्व मनाया जाता है। इस दिन लोग घास-फूस एवं पुआल से बनाए गये मेजी (झोपड़ीनुमा) में रात के समय सामूहिक भोज करते हैं तथा दूसरे दिन स्नान के बाद पूजा-अर्चना कर मेजी
असम_ भोगाली बिहू के मौके पर उरुका के दिन सोमवार को काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में सामूहिक मछली का शिकार करते स्थानीय नागरिक।


गोलाघाट/नगांव (असम), 13 जनवरी (हि.स.)। भोगाली बिहू यानी माघ बिहू के एक दिन पूर्व उरुका का पर्व मनाया जाता है। इस दिन लोग घास-फूस एवं पुआल से बनाए गये मेजी (झोपड़ीनुमा) में रात के समय सामूहिक भोज करते हैं तथा दूसरे दिन स्नान के बाद पूजा-अर्चना कर मेजी में आग लगायी जाती है। उसके बाद भोगाली बिहू का उत्सव आरंभ हो जाता है। उरुका के दिन राज्य के अनेक हिस्सों में तालाबों, झीलों और नदियों में सामूहिक रूप से मछली का शिकार करने की परंपरा है। इसी कड़ी में सोमवार को काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं नगांव जिले के बटद्रवा स्थित कदमपुखुरी में सामूहिक रूप से स्थानीय लोगों ने मछली के शिकार की परंपरा का पालन किया।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में माघ बिहू के मौके पर मछली पकड़ने की लंबी परंपरा है, लेकिन कुछ साल पहले से इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसको लेकर वन विभाग और आसपास के लोगों में विवाद हर वर्ष होता था लेकिन, इस बार उद्यान प्रशासन ने कुछ समय के लिए मछली शिकार की स्थानीय लोगों को छूट दी, जिसको लेकर स्थानीय लोगों में आज भारी उत्साह देखा गया।

वन विभाग के सूत्रों ने बताया है कि बाढ़ के दौरान, स्थानीय लोग जंगली जीवों की रक्षा करने में बहुत सावधान रहते हैं। बदले में आज उरुका के मौके पर वन विभाग ने पार्क में दो घंटे तक मछली शिकार की अनुमति दी। स्थानीय लोग इसे लेकर बेहद उत्साहित नजर आए।

दूसरी ओर नगांव जिला के बटद्रवा स्थित कदमपुखुरी में भी आज स्थानीय लोगों को भोगाली बिहू के उरुका के अवसर पर मछली का शिकार करते देखा गया। पूर्व की परंपरा को ध्यान में रखते हुए, बटद्रवा के हातिचोंग कमरचुक के लोगों ने आज कदमपुखुरी में मछली का शिकार किया।

पूर्व की तरह इस बार भी गांव के सभी लोगों को एकजुट होकर नाचते-गाते आनंद मनाते और मछली का शिकार करते देखा गया। उल्लेखनीय है कि सैकड़ों वर्षों से माघ बिहू के दिन नगांव जिले के हातिचोंग कमरचुक स्थित कदमपुखुरी में सामूहिक मछली पकड़ने का त्योहार पारंपरिक रूप से मनाया जाता रहा है।

इस बार भी गांव के लोग बड़े उत्साह के साथ सामूहिक मछली पकड़ने का त्योहार मनाया। आज सुबह अगनगिनत लोगों की सुबह कदमपुखुरी में मछली पकड़ने और मछली का शिकार देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। जाति और पंथ की परवाह किए बिना इकट्ठा हुए लोग कदमपुखुरी को समन्वय का क्षेत्र में बदल दिया। ज्ञात हो कि स्वतःस्फूर्त और रंगीन मौज-मस्ती के बीच लोगों के एक वर्ग को बिहू के आनंद में बिहू के आनंद में लिप्त होकर गीत और नृत्य करते देखा गया।

हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय