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भागलपुर, 13 जनवरी (हि.स.)। भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन के प्रथम नायक अमर शहीद बाबा तिलकामांझी का 240वां शहादत दिवस सोमवार को मनाया गया। इस अवसर पर भागलपुर के सुरखीकल यूनियन कार्यालय में भाकपा-माले और ऐक्टू कार्यकर्ताओं ने शहीदों के सपनों का भारत बनाओ, संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करो, रोजी-रोटी, स्वास्थ्य, शिक्षा और सम्मान दो, शहीद तिलकामांझी अमर रहे आदि गूंजते नारों के बीच शहीद तिलकामांझी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित की एवं दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए आजादी, संविधान व लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प लिया।
ऐक्टू के राज्य सचिव और भाकपा-माले के नगर प्रभारी मुकेश मुक्त ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मौके पर कहा कि शहीद तिलकामांझी भागलपुर प्रक्षेत्र के वास्तविक हीरो हैं। उन्होंने किसानों-मजदूरों के अधिकारों की रक्षा एवं देश की आजादी के लिए भीषण लड़ाई लड़ी। उन्होंने आम मेहनतकशों के लिए शोषण-दमन से मुक्त राज-समाज की स्थापना के लिए अपना सर्वश्व कुर्बान कर दिया था। उनके ही नाम से जाना जाने वाले स्थानीय तिलकामांझी चौक पर एक पेड़ से लटका कर क्रूर अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें सिर्फ 35 वर्ष की आयु में फांसी दे दी थी। ये अदम्य साहसी योद्धा आजादी आंदोलन के प्रथम शहीद नायक थे। ब्राह्मणवादी इतिहासकारों ने भले ही इन्हें इतिहास में पर्याप्त स्थान नहीं दिया हो किन्तु भागलपुर प्रक्षेत्र के जनमानस के दिलों में उनका बहादुराना संघर्ष आज भी जिंदा है और वे मेहनतकश आवाम के हक-अधिकार की प्रत्येक लड़ाई का प्रेरणास्रोत बने हुए हैं।
कार्यक्रम में भाकपा-माले के नगर प्रभारी और ऐक्टू के राज्य सचिव मुकेश मुक्त, तिलकामांझी ब्रांच सचिव अमर कुमार, नगर कमिटी सदस्य अमित गुप्ता, ऐक्टू के प्रमोद ठाकुर, सुनील कुमार गुप्ता, करण कुमार, अंजली कुमारी, मृत्युंजय कुमार, मो. रंजू, राजू साव, मनीष कुमार, पूनम देवी, बुधनी उरांव, बबलू कुमार, मो. मुन्ना आदि शामिल हुए।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर