ऑपरेशन साइबर शील्ड अभियानः करोड़ों रुपये की साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
जयपुर, 13 जनवरी (हि.स.)। खोह नागोरियान थाना पुलिस ने साइबर ठगी के खिलाफ पुलिस मुख्यालय की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन साइबर शील्ड अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपये की साइबर ठगी करने वाले गिरोह के दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है और एक नाबालि
ऑपरेशन साइबर शील्ड अभियानः करोड़ों रुपए की साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश


जयपुर, 13 जनवरी (हि.स.)। खोह नागोरियान थाना पुलिस ने साइबर ठगी के खिलाफ पुलिस मुख्यालय की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन साइबर शील्ड अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपये की साइबर ठगी करने वाले गिरोह के दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है और एक नाबालिग बालअपचारी को निरुद्ध किया है। साथ ही पुलिस ने साइबर आरोपितों के कब्जे से 9 मोबाइल, 16 एटीएम कार्ड, एक लैपटॉप, 3 चौक बुक, 2 बैंक पास बुक, 45 हजार रुपये नकद जब्त किए हैं। इसके अलावा एक स्विफ्ट कार को भी जब्त किया गया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपितों के खिलाफ राजस्थान के बाहर भी कई प्रदेशों में साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज हैं। फिलहाल पुलिस आरोपितों से पूछताछ की जा रही है।

पुलिस उपायुक्त जयपुर (पूर्व) तेजस्विनी गौतम ने बताया कि खोह नागोरियान थाना पुलिस ने साइबर ठगी के खिलाफ पुलिस मुख्यालय की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन साइबर शील्ड अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए चरत लाल मीना और जसराम मीणा को गिरफ्तार किया है और दोनो ही आरोपित मंडावरी जिला दौसा के रहने वाले है। साथ ही पुलिस ने इस वारदात में शामिल एक बाल अपचारी को भी निरुद्ध किया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि साइबर ठगी के आरोपित चतरलाल मीना के आधा दर्जन बैंक खातों में एक करोड़ रुपये

की ठगी के ट्रांजेक्शन के सबूत मिले हैं। इस गिरोह के ठगों के खिलाफ चार राज्यों में दर्जनभर शिकायत साइबर पोर्टल पर दर्ज हैं। प्रारंभिक तौर पर यह भी सामने आया है कि चतरलाल मीना अपने बैंक खातों में खुद भी फ्रॉड की रकम जमा करवाता है और अपने बैंक खाते अलग-अलग साइबर ठगों को किराए पर भी मुहैया कराता है। आरोपित जसराम मीना व चरतलाल मीना लोगों को ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिए रकम दोगुनी करने का झांसा देते हैं। ये फर्जी खातों में लोगों से राशि ट्रांसफर करवाते हैं और शुरू-शुरू में छोटा-मोटा मुनाफा देते हैं। जब पीड़ित बड़ी रकम इनके बताए खाते में जमा करवा देते हैं तो ये अपना मोबाइल बंद कर देते हैं या पीड़ित के मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर देते हैं।

डीसीपी ने बताया कि चरतलाल और जसराम फर्जी बैंक खाते खुलवाकर यह खाते साइबर फ्रॉड करने वाले दूसरे साइबर ठगों को किराए पर भी देते हैं। ठगी की रकम खाते में आते ही ये तुरंत इस राशि को निकलवा लेते हैं और राशि का बंटवारा कर लेते हैं। साइबर पोर्टल पर इनके खिलाफ गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हैदराबाद, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र आदि राज्यों में दर्जनभर शिकायतें दर्ज हैं। इसके अलावा डिटेन नाबालिग 91 क्लब गेमिंग एप के नाम से इंस्टाग्राम पर फर्जी आईडी बनाकर लोगों को इस गेमिंग एप में गेम खेलने का झांसा देता है। इसके बाद फर्जी बैंक खातों में रकम जमा करवाता है। इन आरोपितों से गहन पूछताछ और अनुसंधान जारी है। इनके पास मिले एक करोड़ रुपये के संदिग्ध ट्रांजेक्शन और साइबर ठगी के बारे में गहनता से अनुसंधान किया जा रहा है। इनसे पूछताछ में साइबर ठगी के कई और मामलों का खुलासा होने की संभावना है।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश