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शिमला, 13 जनवरी (हि.स.)। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में खनन माफिया बेलगाम हो गए हैं। उन्होंने दावा किया कि सरकार की नाकामी और प्रशासन की निष्क्रियता के चलते खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि आम जनता को न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि खनन माफियाओं के खिलाफ प्रशासन की निष्क्रियता यह साबित करती है कि उन्हें सरकार का खुला संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने सवाल उठाया कि प्रदेश में ऐसा कौन है जो इन माफियाओं को बचा रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री को भी प्रशासन के सामने गुहार लगाते देखा जा रहा है जबकि उन्हें अपने पद का इस्तेमाल करते हुए अधिकारियों को सीधे आदेश देना चाहिए।
ठाकुर ने कहा कि सरकार में बैठे मंत्री अपनी जिम्मेदारी निभाने में असमर्थ दिख रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या प्रशासन और सरकार के बीच तालमेल का इतना अभाव है कि मंत्री अधिकारियों को आदेश देने के बजाय सार्वजनिक मंचों से अपनी बात कहने पर मजबूर हो रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने उपमुख्यमंत्री के अपने जिले में हो रहे अवैध खनन का उल्लेख करते हुए कहा कि इस मामले में स्थानीय लोगों को हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि यह सरकार की विफलता और जनता के सरकार से उठते भरोसे का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जब प्रशासन माफियाओं के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाता, तो यह साफ हो जाता है कि उन्हें शासन का संरक्षण प्राप्त है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जो नेता पिछले पांच सालों में खनन माफिया के खिलाफ झूठे आरोप लगाकर राजनीति करते रहे, वही अब माफियाओं के सामने बेबस नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का माफियाओं के सामने इस प्रकार घुटने टेक देना न केवल शर्मनाक है बल्कि यह सरकार की कमजोरियों और प्राथमिकताओं को भी उजागर करता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला