भारतीय सांस्कृतिक कार्यक्रम 'सूरत लिट्फेस्ट 2025'का त्रि-दिवसीय आयोजन 17 से
सूरत, 12 जनवरी (हि.स.)। सूरत लिटरेरी फाउंडेशन की ओर से आगामी 17 से 19 जनवरी तक सूरत के वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय ( वीएनएसजीयू)के परिसर में 'सूरत लिट्फेस्ट 2025' का आयोजन किया जाएगा। वर्ष 2047 तक एक विकसित भारत बनाने के संकल्प की सिद्
सूरत लिट्फेस्ट 2025'


सूरत, 12 जनवरी (हि.स.)। सूरत लिटरेरी फाउंडेशन की ओर से आगामी 17 से 19 जनवरी तक सूरत के वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय ( वीएनएसजीयू)के परिसर में 'सूरत लिट्फेस्ट 2025' का आयोजन किया जाएगा।

वर्ष 2047 तक एक विकसित भारत बनाने के संकल्प की सिद्धि में गति लाने के लिए सूरत शहर में आयोजित हो रहे इस 'सूरत लिटरेचर फेस्टिवल' के तीसरे संस्करण में भारत के विभिन्न क्षेत्रों के राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ, विचारक, वक्ता, पत्रकार, वैज्ञानिक, रणनीतिकार और कला क्षेत्र के विशेषज्ञ भाग लेंगे। भारतीय नागरिकों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रभावित करने वाले विषयों जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, महिला सशक्तिकरण, प्रौद्योगिकी, वैदिक धर्म की पुनः स्थापना, 2047 के संदर्भ में राजनीतिक स्थिति, सिनेमा, प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप्स, 2047 के संदर्भ में भारतीय मीडिया, लोकतंत्र के लिए उभरते खतरे, 2047 के संदर्भ में शिक्षा प्रणाली, न्याय व्यवस्था के सामने चुनौतियाँ और भारत में हो रहे वैचारिक युद्ध पर उपस्थित दर्शकों के साथ आगामी 25 वर्षों की योजना पर विमर्श किया जाएगा।

उपरोक्त कार्यक्रम में देशभर से प्रसिद्ध वक्ता, विचारक उपस्थित रहकर ज्ञानवर्धन करेंगे। कार्यक्रम को स्वामी परमात्मानंदजी जैसे साधु-संतों का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ जैसे जनरल एन. एस. राजा सुब्रमणि, पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, लोकसभा सांसद पूनमबेन माडम, राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली की वाइस चांसलर शांतीश्री पंडित, इसरो के पूर्व चेयरमैन ए. एस. किरण कुमार, फिल्मजगत की प्रसिद्ध हस्ती तिग्मांशु धूलिया आदि महानुभाव भी उपस्थित रहेंगे।

वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित होने वाले इस उत्सव के साथ-साथ भारत की भव्य सांस्कृतिक धरोहर को भी तीन दिन तक प्रदर्शित किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विभिन्न प्रतिभाशाली नाट्य कलाकार, संगीतकार और नर्तक अपनी कला के माध्यम से लुप्त होती भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करते हुए विभिन्न प्रदर्शन कला जैसे भरत नाट्यम, गायन, नृत्य और संगीत संध्या तथा नाटक प्रदर्शित करेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय