स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात कर निखारें जीवन : डॉ. मुक्ता गर्ग
कानपुर, 12 जनवरी (हि.स.)। स्वामी विवेकानंद की जयंती पर सीएसए में आयोजित संगोष्ठी में डॉ. मुक्ता गर्ग ने छात्राओं में उत्साह एवं जोश भरा। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद कम ही उम्र में अपने ज्ञान के बदौलत भारत ही नहीं विश्व में अपनी अमिट छाप छोड़ी है
स्वामी विवेकानंद की जयंती पर सीएसए में आयोजित कार्यक्रम


कानपुर, 12 जनवरी (हि.स.)। स्वामी विवेकानंद की जयंती पर सीएसए में आयोजित संगोष्ठी में डॉ. मुक्ता गर्ग ने छात्राओं में उत्साह एवं जोश भरा। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद कम ही उम्र में अपने ज्ञान के बदौलत भारत ही नहीं विश्व में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उनके विचारों को आत्मसात कर आप लोग अपने जीवन को निखार सकती हैं, इसके लिए आपको त्याग भी करना पड़ेगा।

चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) में रविवार को सामुदायिक विज्ञान संकाय में बीएससी कम्युनिटी साइंस प्रथम और तृतीय सेमेस्टर की छात्राओं ने राष्ट्रीय युवा दिवस को बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया। इस कार्यक्रम में अधिष्ठाता सामुदायिक विज्ञान डॉ. मुक्ता गर्ग मुख्य अतिथि रहीं। कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई-3, डॉ. रश्मी सिंह के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण में यह आयोजन संपन्न हुआ। राष्ट्रीय सेवा योजना समन्वयक डॉ. अर्चना सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत स्वामी विवेकानंद की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि से हुई। इस पवित्र शुरुआत के बाद खुशी और प्रोनिका ने एन.एस.एस. का प्रेरणादायक 'लक्ष्य गीत' प्रस्तुत किया, जिसने पूरे माहौल को सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया।

प्रेरणादायक प्रस्तुतियों से छात्रों ने बांधा समां

कार्यक्रम में छात्रों ने स्वामी विवेकानंद के विचारों और शिक्षाओं को जीवंत किया। छात्राओं ने ऊर्जावान नारे लगाए और स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं को चार्ट के माध्यम से प्रेरणादायक तरीके से प्रस्तुत किया। मनीशा ने तेरी मिट्टी गीत पर भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत कर देशभक्ति और समर्पण का संदेश दिया। साखी ने अपनी सुरीली आवाज़ में बे सब्रियां गाना गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बीएससी तृतीय सेमेस्टर की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत शिक्षा और युवा दिवस के महत्व पर आधारित नाटक ने दर्शकों को गहराई से प्रेरित किया।

शिक्षकों के प्रेरणादायक विचार

राष्ट्रीय सेवा योजना समन्वयक डॉ. अर्चना सिंह ने कहा कि हमें स्वामी विवेकानंद के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने योग, ध्यान और आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि सबसे पहले एक अच्छे इंसान बनना जरूरी है। कार्यक्रम अधिकारी, एनएसएस इकाई-3 डॉ. रश्मी सिंह ने छात्राओं के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के प्रेरणादायक कार्यक्रम केवल मंच तक सीमित नहीं होने चाहिए, बल्कि इन्हें जीवन में लागू करना चाहिए। डॉ. मुक्ता गर्ग ने स्वामी विवेकानंद को उद्धृत करते हुए उनके महान कार्यों और विचारों पर प्रकाश डाला।

संकल्प और प्रेरणा के साथ समापन

कार्यक्रम का समापन सभी द्वारा प्रेरणादायक गीत 'हम होंगे कामयाब' गाने के साथ हुआ। अंत में स्वामी विवेकानंद के प्रसिद्ध कथन, 'उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए,' को दोहराते हुए छात्रों और शिक्षकों ने उनके आदर्शों को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / Md. Mahmad