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अयोध्या, 12 जनवरी (हि.स.)। बुलेट सवार पीठाधीश्वर साध्वी मां राजलक्ष्मी मंडा रविवार को अयोध्या पहुंची। उन्होंने श्रीराम लला का दर्शन किया और पंजाब के सीमांत क्षेत्र से दौड़ लगाकर अयोध्या आए नन्हे धावक से भेंट की।
साध्वी चार प्रदेशों, पैंतीस जिलों की जागरण यात्रा करके 'आओ कुंभ नहाओ' नारे के साथ सबको कुंभ में सम्मिलित होने का आमंत्रण देने निकली हैं। वे श्री द्वादश ज्योतिर्लिंग संगम क्षेत्र के श्रीराम जानकी मन्दिर की पीठाधीश्वर हैं। पीठाधीश्वर मां राजलक्ष्मी मंडा की यह सनातन धर्म यात्रा भदोही के सुंदरवन से नौ जनवरी को शुरू हुई और 12दिन चलेगी। वे भदोही से वाराणसी होते हुए अयोध्या आईं। बुलेट दौड़ाती साध्वी को लोग कौतूहल से निहार रहे थे। कारसेवक पुरम पहुंचने पर उनका स्वागत हुआ और पंजाब से दौड़ते आ रहे नन्हे धावक मोहब्बत से उन्होंने भेंट की और पीठ थपथपाई।
भारतीय संस्कृति और धर्म का अद्वितीय उदाहरण है अयाेध्या नगरी
जगद्गुरु भक्तिमयी मीरा बाई की उपाधि से सम्मानित जगद्गुरु साई माँ लक्ष्मी देवी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि अयोध्या नगरी का वैभव केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह नगरी भारतीय संस्कृति और धर्म का अद्वितीय उदाहरण है। आज पूरी दुनिया उत्सुकता, उत्साह, उमंग के साथ अयोध्या को देख रही है। भारत की समृद्ध संत परंपरा में अग्रणी, विष्णुस्वामी वंश के 2,700 साल के इतिहास में पहली महिला जगद्गुरु एवं महामंडलेश्वर होने के नाते मुझे राम मंदिर की स्थापना के दिन से ही यहां आकर दर्शन पूजन करने की इच्छा और महत्वाकांक्षा थी। लेकिन उसके अतिरिक्त मुझे मेरे आराध्य प्रभु श्री राम की नगरी के बदले हुए रूप को देखने की भी तीव्र इच्छा थी। धर्म प्रचार में मेरा काफी समय विदेश में बीतने के कारण में प्रभु श्रीराम के दर्शन से इतने दिनों तक वंचित रही लेकिन आज मुझे यह सौभाग्य मिला है कि मैं महाकुम्भ मेला में कल्पवास के लिए जाने से पहले अयोध्या आकर प्रभु श्री राम के चरणों के शीश झुकाकर प्रयाग के लिए प्रस्थान करूँ।
हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय