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हरिद्वार, 7 सितंबर (हि.स.)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार काे देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में राजस्थान और पूर्वाेत्तर जोन के लिए ज्योति कलश यात्रा का शुभारंभ किया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल सहित कई राज्यों से 1200 से अधिक गायत्री परिवार के साधक शामिल हुए।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने संबोधन में कहा कि गायत्री परिवार यज्ञ की परंपरा को जीवित रखते हुए जन-जन तक इसका संदेश पहुंचा रहा है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि यज्ञ का महत्व फिर से स्थापित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पूज्य गुरुदेव एवं परम वंदनीया माताजी द्वारा सौ वर्षों तक यहाँ प्रज्वलित अखण्ड दीपक के प्रकाश को अखण्ड रखा है। इसको प्रचण्ड बनाना आप सभी का दायित्व है।
प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने ज्योति कलश यात्रा की रूपरेखा की जानकारी देते हुए कहा कि कलश भारतीय संस्कृति का केन्द्र बिन्दु है, युगऋषि पं० श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा जलाई गई ज्योति का अंश लेकर यह ज्योति कलश यात्रा जहां जायेगी, वहां लोगों को भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत कर उनकी चेतना को प्रखर बनाने का कार्य करेगी। इस ज्योति से ऐसे प्रकाशवान व्यक्तित्व निखरकर सामने आयेंगे, जो समाज एवं दुनिया में फैले अंधकार को दूर करने में सक्षम होंगे।
लोकसभा अध्यक्ष, कुलपति व प्रतिकुलपति ने राजस्थान, पं बंगाल, असम अरुणाचल आदि प्रदेशों से आये गायत्री साधकों को ज्योति कलश सौंपे। इस अवसर पर श्री विनय रूहेला, उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन विभाग, कुलपति श्री शरद पारधी, डॉ ओपी शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी सहित शांतिकुंज व विवि परिवार उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला