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इस्लामाबाद, 24 सितंबर (हि.स.)। इस्लामाबाद हाई कोर्ट में आज हुकूमत ने पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान पर संभावित सैन्य मुकदमे पर अपना रुख साफ किया। अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल (एएजी) मुनव्वर इकबाल दुग्गल ने हाई कोर्ट को बताया कि इस संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान रावलपिंडी की सेंट्रल जेल (अदियाला जेल) में बंद हैं। खान गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।
जियो न्यूज की खबर के अनुसार इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इमरान खान की याचिका पर 16 सितंबर को रक्षा मंत्रालय को सैन्य अदालत के मुकदमे के बारे में स्पष्ट रुख बताने का आदेश दिया था। पीटीआई संस्थापक ने नौ मई को सैन्य मुकदमों के खिलाफ याचिका दायर की थी। खान ने आशंका जताई थी कि 2023 में भ्रष्टाचार के एक मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद सैन्य प्रतिष्ठानों में हुई तोड़फोड़ के केस में सैन्य अदालत में मुकदमा चल सकता है। खान ने याचिका में रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ और कानूनमंत्री आजम नजीर तरार सहित सरकार के उच्च अधिकारियों के बयानों को आधार बनाया था।
यह महत्वपूर्ण है कि जुलाई 2023 में लाहौर की एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने चार पन्नों के लिखित फैसले में कहा था कि पीटीआई संस्थापक को नौ मई की घटनाओं से जोड़ने के लिए उचित आधार मौजूद हैं। इसी बीच अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल ने कहा कि अगर खान के सैन्य मुकदमे के बारे में कोई निर्णय लिया जाता है तो उसके लिए कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
सनद रहे कि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के नेतृत्व वाली सरकार ने 2023 के दंगों में राज्य और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने में शामिल लोगों के खिलाफ सैन्य परीक्षण शुरू किया था। यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने 23 अक्टूबर, 2023 को अपने फैसले में सैन्य अदालतों में नागरिकों के मुकदमों को अमान्य घोषित कर दिया था।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद