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-शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार प्राप्त करना नहीं, बल्कि नैतिकता, सहानुभूति और नेतृत्व क्षमता का विकास करना: राज्यपाल
दुमका, 24 सितंबर (हि.स.)। सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल सह कुलाधिपति संतोष गंगवार ने शिरकत करते हुए विश्वविद्यालय के 139 यूजी व पीजी छात्रों को डिग्री एवं गोल्ड मेडल समेत पीचडी धारक को उपाधि से किया सम्मानित।
कुलाधिपति ने दीक्षांत समारोह में प्रसन्नता जाहिर करते हुए इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी उपाधिधारक छात्र-छात्राओं और शोधार्थियों को बधाई दिया। शिक्षकों और अभिभावकों को भी उनके अमूल्य योगदान के लिए बधाई देते हुए कहा कि आज का यह दिन निश्चित रूप से आपके कठिन परिश्रम, समर्पण और निरंतर प्रयासों का फल है लेकिन यह केवल आपकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि आपके परिवार, समाज और इस विश्वविद्यालय के लिए भी गर्व का क्षण है।
गंगवार ने कहा कि विद्यार्थियों, याद रखें, शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार प्राप्त करना नहीं, बल्कि नैतिकता, सहानुभूति और नेतृत्व क्षमता का विकास करना भी है। शिक्षा और ज्ञान से समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में सार्थक कार्य होंगे। विश्वविद्यालय, दुमका हमारे महान स्वतंत्रता सेनानी सिदो और कान्हू के नाम पर स्थापित है। मातृभूमि के लिए उनके संघर्ष और बलिदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनकी वीर गाथाएं न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश को प्रेरित करती हैं।
कुलाधिपति ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र में स्थापित विश्वविद्यालय से हमारी बहुत अपेक्षाएं हैं। यह केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि हमारे जनजातीय समाज की संस्कृति, इतिहास और परंपराओं का प्रतीक है। शिक्षा ही से ही विकास और सशक्तिकरण संभव है। इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य केवल किताबी ज्ञान प्रदान करना ही नहीं, बल्कि जनजातीय समाज के उत्थान, उनकी समस्याओं के समाधान और उनके सांस्कृतिक गौरव को संरक्षित रखने में योगदान देना भी है।
राज्यपाल ने कहा कि यह अपेक्षा की जाती है कि आप अपने अध्ययन और शोध से उन चुनौतियों का समाधान ढूंढेंगे, जिनका सामना जनजाति समाज और ग्रामीण समुदाय कर रहे हैं। चाहे वह कृषि हो, पर्यावरण संरक्षण हो, स्वास्थ्य या शिक्षा, हर क्षेत्र में आपके प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज की संस्कृति और परंपराओं को ध्यान में रखते हुए, इस विश्वविद्यालय का कार्यक्षेत्र और भी व्यापक हो जाता है। आशा है, आपकी मेहनत और समर्पण से न केवल आपके लिए, बल्कि आपके समाज और राज्य के लिए भी नए रास्ते खुलेंगे।
गंगवार ने कहा कि दीक्षांत समारोह आप सभी के जीवन में केवल एक शैक्षणिक उपलब्धि ही नहीं है, बल्कि आपके जीवन के नए अध्याय की शुरुआत है। जब आप इस विश्वविद्यालय से बाहर निकलेंगे, तो आपको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा लेकिन यह भी सच है कि आपके सामने अपार संभावनाएं और अवसर होंगे। अपने ज्ञान, कौशल और मेहनत से आप न केवल अपने जीवन को सफल बना सकते हैं, बल्कि समाज और देश की उन्नति में भी महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं।
कुलाधिपति ने समारोह में वर्ष 2021-23 के स्नातक उत्तीर्ण 24, स्नाकोत्तर उत्तीर्ण 20 एवं वोकेशनल कोर्स के 18 छात्रों को डिग्री एवं मेडल देकर सम्मानित किया गया। कुल 76 पीएचडी स्कॉलर्स को उपाधि की डिग्री दी जायेगी। दीक्षांत समारोह में कुल 139 छात्रों एवं शोधार्थियों को डिग्री, गोल्ड मेडल एवं उपाधि देकर सम्मानित किया गया। कुलाधिपति के हाथों सांकेतिक रूप से कुल 20698 छात्र-छात्राओं एवं शोधार्थियों को डिग्री मिली। पीएचडी स्कॉलर्स को समारोह के विशिष्ट अतिथि प्रो. क्षिति भूषण दास ने उपाधि दिया। कुलपति डॉ बिमल प्रसाद सिंह ने स्वागत भाषण में विश्वविद्यालय के उपलब्धियों को गिनाया।
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हिन्दुस्थान समाचार / नीरज कुमार