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फरीदाबाद, 24 सितंबर (हि.स.)। फरीदाबाद शहर में सीएंडडी (कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट) कचरे के निपटान को नगर निगम की परियोजना फेल रही है। नगर निगम अधिकारी छह वर्ष बाद भी एनजीटी के आदेशों को पूरा नहीं करवा पाए है। नगर निगम एसडीओ सुरेंद्र खट्टर की माने, तो एनजीटी के आदेश के बाद नगर निगम ने सीएंडडी वेस्ट निपटान के लिए एक एजेंसी को ठेका दे दिया है।
नगर निगम ने ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर नए सिरे से टेंडर जारी करने की योजना बनाई थी। इस कारण काम की रफ्तार काफी धीमी रही। हालांकि पुराने ठेकेदार को काम सीएंडडी वेस्ट का काम सौंपा गया है। स्थानीय निवासी गौरव, सैनिक कॉलोनी निवासी दिनेश नागर ने बताया कि शहर में सीएंडडी वेस्ट की उचित व्यवस्था न होने के कारण सडक़ किनारे ग्रीन बेल्ट पर मलबे के ढेर देखे जा सकते हैं। शहर में हर महीने सैकड़ों टन निर्माण अपशिष्ट या मलबे को खुले में डंप किया जा रहा है और इस पर नजऱ रखने के लिए कोई एजेंसी नहीं है। यह पर्यावरण और यात्रियों के लिए बहुत बड़ा खतरा है। निगम अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार निर्माण और विध्वंस सामग्री का 10 प्रतिशत से भी कम हिस्सा यहां रिवाजपुर गांव के पास लगाए संयंत्र पर पहुंच रहा है। जहां तीन साल पहले नगर निगम द्वारा आवंटित लगभग पांच एकड़ भूमि पर एक छोटे आकार का संयंत्र लगाया गया था। यहां कुछ माह पहले ही संयंत्र को शुरू किया गया है। यहां सीएंडडी वेस्ट का काम प्राथमिक चरण में है क्योंकि यहां कूड़े को केवल पीसने और कुचलने का काम किया जा रहा है। इससे कोई भी उप-उत्पाद तैयार नहीं किया गया है। काम आगे न बढऩे का मुख्य कारण अनुबंध के अनुसार नगर निगम को ठेकेदार से 60 प्रतिशत संसाधित सामग्री खरीदनी है, जो निगम ने अब तक नहीं खरीदी है। वहीं संबंधित मामले को लेकर रिवाजपुर ग्रामीणों ने बताया कि गांव के पास स्थापित सीएंडडी वेस्ट मशीनरी केवल वायु और ध्वनि प्रदूषण की वजह बनकर रह गई है, क्योंकि यहां कूड़े को केवल पीसने का काम किया जाता है। जबकि नगर निगम के पास चार इकाइयों का प्रस्ताव होने के बावजूद शहर में कोई बड़ा संयंत्र नहीं लगाया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / -मनोज तोमर