फलित सिजरिया चुने गए राष्ट्रमंडल युवा परिषद के उपाध्यक्ष
झांसी, 24 सितंबर (हि.स.)। झांसी के फलित सिजरिया हाल ही में हुए राष्ट्रमंडल युवा परिषद के चुनावों में जीत कर अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चुने गए हैं। इस दायित्व में वह राष्ट्रमंडल के 56 देशों के 150 करोड़ से अधिक युवाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस वर्ष अध्य
जी-20 मे सभा को संबोधित करते हुए फलित


झांसी, 24 सितंबर (हि.स.)। झांसी के फलित सिजरिया हाल ही में हुए राष्ट्रमंडल युवा परिषद के चुनावों में जीत कर अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चुने गए हैं। इस दायित्व में वह राष्ट्रमंडल के 56 देशों के 150 करोड़ से अधिक युवाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस वर्ष अध्यक्ष की कुर्सी अफ्रीकी महाद्वीप के लिए आरक्षित थी।

इस चुनाव में सभी देशों की राष्ट्रीय युवा परिषद एवं सरकारें अपना वोट देती हैं। हर देश के पास एक वोट होता है। फलित का शपथ ग्रहण अगले माह 20 अक्टूबर को समोआ के पैसिफिक टापू पर सभी राष्ट्रमंडल देशों के राष्ट्रध्यक्षों के समक्ष होगा। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी एवं विदेश मंत्री जयशंकर भी इस बैठक में अपेक्षित हैं। यहां राष्ट्रमंडल युवा सम्मेलन में सभी देशों के प्रतिनिधि रहेंगे। कई सरकारों एवं राष्ट्रीय युवा परिषदों की ओर से बधाई संदेश आए हैं। अफ्रीकी युवा संगठन एवं पैसिफिक युवा संगठन के कई पदाधिकारियों ने इस परिणाम का स्वागत किया है।

गौरतलब है कि फलित अब अगले 2 वर्षों तक सभी देश की सरकारों, राष्ट्रीय युवा परिषदों और युवाओं का प्रतिनिधित्व विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पटल पर करते रहेंगे। फलित वर्तमान में राष्ट्रमंडल छात्र संघ के भी एशिया अध्यक्ष हैं जो चुनाव उन्होंने 2 वर्ष पूर्व जीते थे। भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान भी फलित वाई-20 अर्थात जी-20 के आधिकारिक युवा संगठन में भारतीय प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष थे। यह दायित्व उन्होंने इस वर्ष ब्राज़ील के बेलें में वार्ता के दौरान भी निभाया। फलित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भारत एवं विश्व भर के युवाओं का प्रतिनिधित्व करते रहते है। पिछले सप्ताह उन्हें यूनेस्को एवं यूनिसेफ ने थाईलैंड के बैंगकॉक में एशिया पैसिफिक शिक्षा वार्ता में सभी देशों के शिक्षा मंत्री एवं मंत्रालयों के समक्ष युवाओं का परिपेक्ष्य रखने के लिए संबोधित करने निमंत्रित किया था।

फलित 2020 में सीबीएसई एयर 3 रहे थे एवं उनकी पढ़ाई दिल्ली के प्रसिद्ध सेंट स्टीफेन कॉलेज से हुई है। वह स्टूडोमैट्रिक्स नामक राष्ट्रीय स्कूल छात्र संगठन के संस्थापक हैं जो उभरते शहरों में स्कूली विद्यार्थियों के बीच पिछले 5 वर्ष से काम कर रहा है और वर्तमान में 150 से अधिक शहरों में 10 लाख से अधिक विद्यार्थियों के साथ जुड़ा हुआ है।

हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया