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जम्मू, 24 सितंबर (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में पांच साल पहले सीआरपीएफ के काफिले पर हुए घातक आतंकी हमले में आरोपित 32 वर्षीय व्यक्ति की जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि काकापोरा के हाजीबल गांव के बिलाल अहमद कुचे उन 19 लोगों में शामिल था जिन पर इस मामले में औपचारिक रूप से आरोप लगाए गए थे।
14 फरवरी, 2019 को पुलवामा के लेथपोरा में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदी कार को काफिले में घुसा दिया, जिसमें हुए विस्फोट में सीआरपीएफ के 40 जवान बलिदान हो गए और आठ अन्य घायल हो गए। अधिकारियों के अनुसार कुचे को 17 सितंबर को किश्तवाड़ जिला जेल में बीमार पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने बताया कि सोमवार रात को दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। मामले में कुचे और 18 अन्य आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 25 अगस्त, 2020 को आरोप पत्र दाखिल किया था। वह मामले में गिरफ्तार सात आरोपियों में शामिल था। उसने और अन्य आरोपियों शाकिर बशीर, इंशा जान और पीर तारिक अहमद शाह ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को रसद मुहैया कराई थी और अपने घरों में पनाह दी थी।
रणबीर दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, विदेशी अधिनियम और जम्मू-कश्मीर सार्वजनिक संपत्ति (क्षति निवारण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था। जबकि आतंकी हमले में शामिल तीन पाकिस्तानियों सहित छह आतंकवादी अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए, जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर सहित छह और अभी भी फरार हैं। एनआईए के अनुसार, पुलवामा हमला आतंकवादी संगठन के पाकिस्तान स्थित नेतृत्व द्वारा रची गई एक सुनियोजित आपराधिक साजिश का परिणाम था। एनआईए ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के नेता अपने कार्यकर्ताओं को विस्फोटकों और अन्य आतंकी रणनीति का प्रशिक्षण देने के लिए अफगानिस्तान में अल-कायदा-तालिबान-जेईएम और हक्कानी-जेईएम के शिविरों में भेज रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता