राज्यपाल ने भारत-चीन सीमावर्ती गांवों का किया दौरा
इटानगर, 23 सितंबर (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) केटी परनायक ने आज राज्य के क्रा दादी जिले के सबसे दूरस्थ प्रशासनिक क्षेत्रों पिप्सोरांग और ताली का दौरा किया। यह राज्यपाल की इन क्षेत्रों की पहली यात्रा थी। इस दौरा
राज्यपाल ने भारत-चीन सीमावर्ती गांवों का किया दौरा


इटानगर, 23 सितंबर (हि.स.)। अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) केटी परनायक ने आज राज्य के क्रा दादी जिले के सबसे दूरस्थ प्रशासनिक क्षेत्रों पिप्सोरांग और ताली का दौरा किया।

यह राज्यपाल की इन क्षेत्रों की पहली यात्रा थी। इस दौरान, राज्यपाल ने वाइब्रेंट सीमावर्ती गांवों के ग्रामीणों के साथ बातचीत की, जिससे स्थानीय समुदाय के साथ सीधे संवाद को बढ़ावा मिला। दौरे के दौरान राज्य के भूमि प्रबंधन, नागरिक उड्डयन आदि मंत्री बालो राजा और पिप्सोरांग और ताली के स्थानीय विधायक जिक्के ताको, कई सरकारी अधिकारी राज्यपाल के साथ मौजूद थे।

पिप्सोरांग में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के सुदूर सीमावर्ती गांवों में प्रगति और समृद्धि लाने के लिए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित वाइब्रेंट ग्राम कार्यक्रम को लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक बार जब विकास सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंच जाएगा, तो यह रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देगा और सीमा अधिक सुरक्षित होगी।

राज्यपाल ने दूरदराज के गांवों के जोरदार सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और पर्यटन क्षेत्रों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि सरकार आयुष्मान भारत, जन सुविधा और सेवा आपके द्वार कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीणों तक पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि पिप्सोरांग जैसे दूरदराज के इलाकों में दवा पहुंचाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकता है।

क्रा दादी जिले के अपने पहले दौरे पर राज्यपाल ने जिला मुख्यालय पॉलिन से लगभग 90 किमी दूर ताली में जिले के विकासात्मक कार्यक्रमों और योजनाओं की समीक्षा की।

जिले में केंद्र और राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं, कार्यक्रमों और योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए राज्यपाल ने स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और पर्यटन के चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अधिकारियों को अपने कार्यालयों से बाहर निकलना चाहिए, लोगों तक पहुंचना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि मजबूत स्वास्थ्य परिदृश्य के लिए जिला अस्पतालों में कम से कम चार बुनियादी विशेषज्ञ होने चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक दवाएं उपलब्ध रहें।

ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के बारे में अपनी चिंता साझा करते हुए राज्यपाल ने शिक्षा अधिकारियों को ड्रॉप-आउट पर ध्यान केंद्रित करने और उन तक पहुंचने की सलाह दी। उन्होंने छात्रों में पढ़ने की आदतों को प्रोत्साहित करने के लिए पुस्तकालय उपलब्ध कराने पर जोर दिया।

राज्यपाल ने राज्य की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डाला, उन्होंने कहा कि इससे सामाजिक-आर्थिक विकास हो सकता है। उन्होंने पर्यटन के भूटानी मॉडल का सुझाव देते हुए कहा कि ऐसे कदमों से युवाओं में उद्यमिता और स्वरोजगार की भावना को बढ़ावा मिलेगा।

राज्यपाल ने प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित वाइब्रेंट ग्राम कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन पर जोर दिया, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि विकास सीमा क्षेत्र तक पहुंचने के बाद रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देगा।

हिन्दुस्थान समाचार / तागू निन्गी