कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष शहजाद अनवर ने रामगढ़ जिला अध्यक्ष को किया अपमानित
रामगढ़, 23 सितंबर (हि.स.)। झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में कांग्रेस के वरीय नेताओं के जुबान भी फिसलने लगे हैं। वरीय नेता आम लोगों पर नहीं बल्कि अपने पार्टी के पदाधिकारियों के साथ ही अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। सोमवार को रा
थाना‌ में समर्थकों के साथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुन्ना पासवान


रामगढ़, 23 सितंबर (हि.स.)। झारखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में कांग्रेस के वरीय नेताओं के जुबान भी फिसलने लगे हैं। वरीय नेता आम लोगों पर नहीं बल्कि अपने पार्टी के पदाधिकारियों के साथ ही अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। सोमवार को रामगढ़ जिला अध्यक्ष मुन्ना पासवान ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शहजाद अनवर पर मर्यादित भाषा का प्रयोग करने, गाली गलौज करने और अपमानित करने का आरोप लगाते हुए रामगढ़ थाने में आवेदन दिया है।

उन्होंने कहा है कि एक दलित के साथ उन्होंने ऐसा व्यवहार किया है। जिस वक्त पूर्व प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर आपे से बाहर थे, उस वक्त जिला अध्यक्ष पार्टी कार्यालय में ही मौजूद थे। मुन्ना पासवान ने यह आरोप लगाया है कि चितरपुर निवासी शहजाद अनवर सोमवार की दोपहर पार्टी कार्यालय रामगढ़ में आकर सार्वजनिक रूप से भरी सभा में उन्हें छोटा जाती कहते हुए कई अपशब्दों का प्रयोग किया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मेरे सामने तेरी औकात क्या है, कुर्सी में बैठने की।

मुन्ना पासवान ने जब उन्हें समझाने का प्रयास किया तो वह गाली गलौज पर उतर गए और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग भी करने लगे। इतने पर भी वह वहां नहीं रुके और उत्तेजित होकर उन्होंने यहां तक कह दिया कि दलित लोगों से पार्टी नहीं चलने वाली। रामगढ़ में तुम दलित लोग का औकात मुर्गा दारू में बिकता है। उन्होंने सबको कुचलने, खत्म करने की भी धमकी दे डाली। जब मुन्ना पासवान ने उनका विरोध किया तो वह हाथापाई पर उतर आए और अपनी जान बचाकर पार्टी कार्यालय से निकले।

जिला अध्यक्ष ने लगाया बेबुनियाद आरोप, होनी चाहिए इसकी जांच

इस प्रकरण पर कांग्रेस के वरीय नेता शहजाद अनवर नेवी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने बताया कि जिला अध्यक्ष मुन्ना पासवान ने उन पर बुनियाद आरोप लगाए हैं। उन्होंने उतावलेपन और बेहद जल्दबाजी में ऐसे आरोप लगाए हैं। इस प्रकरण की निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए। यह पूरा मामला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक कार्यक्रम में कई बड़े नेता और सैकड़ो कार्यकर्ता मौजूद थे। अगर कोई किसी के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करता है, तो उसे सभा में मौजूद सभी लोग सुनेंगे, ना कि केवल एक व्यक्ति।

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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश