Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
जयपुर, 19 सितंबर (हि.स.)। एसीबी ने पट्टे जारी करने की एवज में रिश्वत लेने के मामले में हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर, उसके पति सुशील गुर्जर और दो अन्य अनिल कुमार दुबे एवं नारायण सिंह के खिलाफ गुरुवार को एसीबी मामलों की विशेष कोर्ट में 2502 पेज का चालान पेश किया है।
एसीबी ने चालान में माना कि मेयर मुनेश गुर्जर ने लोक सेविका होते हुए भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 ए के तहत अपराध किया है और उसका का जुर्म प्रमाणित है। इस मामले में राज्य सरकार ने 6 सितंबर को मुनेश के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी दे दी थी। वहीं हाईकोर्ट ने भी दो सप्ताह में चालान पेश करने का निर्देश दिया था। इसके तहत ही मुनेश सहित अन्य के खिलाफ चालान पेश किया है। एसीबी ने मुनेश एवं उसके पति सहित अन्य आरोपियों पर पीसी एक्ट की धारा 7 ए और आईपीसी की धारा 120 के तहत आपराधिक षड़यंत्र का आरोप लगाया है। कोर्ट ने एसीबी के चालान को रिकॉर्ड पर लेते हुए मेयर मुनेश को भी पेश होने के लिए 5 अक्टूबर तक का समय दिया है।
सुनवाई के दौरान मेयर के अधिवक्ता दीपक चौहान ने कहा कि मुनेश की बेक बोन में दर्द है। इसलिए वह उपस्थित नहीं हो पाई है। ऐसे में उन्हें पेश होने के लिए समय दिया जाए। इस पर कोर्ट ने उनकी अर्जी मंजूर करते हुए समय दे दिया।
चालान में एसीबी ने कहा कि हेरिटेज मेयर मुनेश ने अपने पति सुशील गुर्जर के कहने पर पट्टों पर दस्तखत करना पेडिंग रखा था। परिवादी के परिचितों का कार्य भी उसके पास पेंडिंग पाया गया। उसने पति सुशील गुर्जर के दलालों के जरिए पट्टों की एवज में रिश्वत की राशि लेने का अपराध भी प्रमाणित हुआ है। परिवादी सुधांशु सिंह ने 12 सितंबर 2023 को धारा 164 के बयानों में कहा है कि मुनेश ने राजीव शर्मा के पट्टे की फाइल निकालने और दस्तखत करने की एवज में एक लाख रुपए की मांग की। इस मांग पर 50 हजार रुपए की राशि अपने पति सुशील एवं अनिल कुमार दुबे की मौजूदगी में अपने हाथ में ली। इस मामले में मुनेश सहित चारों आरोपियों के मोबाइल फोन, रिश्वत राशि का सत्यापन और आपसी बातचीत के एसडी कार्ड और अन्य आर्टिकल विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए भिजवाए हैं। वहां से रिपोर्ट आने पर पेश कर दी जाएगी।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / पारीक