पंचमहाभूतों के शोषण से प्रकृति नाराज : आचार्य देवव्रत
-चौथे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और एक्सपो 2024 (री-इन्वेस्ट) का समापन
चौथे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और एक्सपो 2024 (री-इन्वेस्ट) को संबोधित करते राज्यपाल आचार्य देवव्रत।


चौथे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और एक्सपो 2024 (री-इन्वेस्ट) को संबोधित करते मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल।


गांधीनगर, 18 सितंबर (हि.स.)। केन्द्र सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से आयोजित चौथे वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और एक्सपो 2024 (री-इन्वेस्ट) का समापन समारोह बुधवार को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। इस अवसर पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि वर्तमान में ग्लोबल वार्मिंग एक ग्लोबल वार्निंग बन चुकी है, ऐसे में रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में महात्मा मंदिर में इन तीन दिनों के दौरान हुआ वैश्विक चिंतन उचित समय पर, उचित दिशा में हुआ चिंतन है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व कल्याण की संकल्पना के साथ प्रगति की राह पर अग्रसर है, और गुजरात रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में एक लीडर की भूमिका निभा रहा है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और पूरी गुजरात सरकार को बधाई दी।

राज्यपाल ने कहा कि भौतिक उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ते हुए हमने प्रकृति का जमकर शोषण किया है। सूर्य, पृथ्वी, अग्नि, वायु और जल, इन पंचमहाभूतों या पंचतत्वों के शोषण से प्रकृति नाराज है। ग्लोबल वार्मिंग के स्वरूप में हम इसके गंभीर दुष्परिणाम भुगत रहे हैं। भारतीय शास्त्रों में पंचमहाभूतों को देवताओं की संज्ञा दी गई है। हमें अपने इन देवताओं की आराधना कर, प्रकृति के इन पंचतत्वों का पोषण कर प्रगति की राह पर अग्रसर होने की आवश्यकता है। चौथी वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक मीट इस दिशा में एक अहम सोपान सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि ऊर्जा ही विकास का आधार है। सूर्य, पवन, हाइड्रो और ग्रीन हाइड्रोजन ऊर्जा के क्षेत्र में हुआ चिंतन पूरे जगत के कल्याण का चिंतन है। इसके लिए उन्होंने भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और गुजरात सरकार को बधाई दी।

राज्य में लगभग 62 हजार मिलियन यूनिट जलविद्युत का उत्पादन : सीएम

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने समापन अवसर पर यह विश्वास व्यक्त किया कि ‘इन्वेस्ट-इनोवेट-इन्सपायर’ के मंत्र के साथ आयोजित चौथी री-इन्वेस्ट समिट ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ को साकार करने के साथ ही प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए ‘वन सन, वन अर्थ, वन ग्रिड’ के विजन को गति देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम कर पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा सुरक्षा एवं हरित ऊर्जा के नए आयाम दिए हैं। नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के व्यापक विकास की इमारत ‘शक्ति पंचामृत’ के आधार पर बनाई है। इसके परिणामस्वरूप गुजरात देश के विकास के ग्रोथ इंजन के रूप में ‘अक्षय ऊर्जा राजधानी’ बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान गुजरात में सौर ऊर्जा के अधिकतम उत्पादन के लिए चारणका में देश का पहला सोलर एनर्जी पार्क स्थापित किया था। इतना ही नहीं, सरदार सरोवर बांध के माध्यम से जल शक्ति का ऊर्जा शक्ति में विनियोग कर जलविद्युत (हाइड्रोपावर) उत्पादन का महत्व स्थापित किया है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि गत वर्ष राज्य में लगभग 62 हजार मिलियन यूनिट जलविद्युत का उत्पादन हुआ है। बेहतर जल प्रबंधन के कारण पम्प्ड हाइड्रो प्रोजेक्ट संभव हो पाए हैं और राज्य सरकार ने इस उद्देश्य से 50 स्थानों की पहचान की है।

श्री भूपेंद्र पटेल ने गर्व के साथ बताया कि री-इन्वेस्ट समिट के चौथे संस्करण में 9460 मेगावाट क्षमता के पम्प्ड हाइड्रो प्रोजेक्ट्स के लिए 59 हजार करोड़ रुपये के एमओयू (समझौता ज्ञापन) इंटेंशन्स हुए हैं। भारत के ग्रीन ट्रांजिशन की अनेक पहलों के साथ जुड़ने के अवसर के लिए प्रधानमंत्री के विजन से 2015 से री-इन्वेस्ट समिट का आयोजन होता है। मुख्यमंत्री ने खुशी जताई कि इस समिट के चौथे संस्करण में गुजरात में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में निवेश के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू इंटेंशन्स हुए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय