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जयपुर, 18 सितंबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने जोबनेर के मेहस्वास गांव में अरावली पर्वतमाला में आने वाले गैर मुमकिन पहाड पर खनन को लेकर मुख्य सचिव, प्रमुख खान सचिव और खान निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश उम्मीद सेवा संस्थान की जनहित याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने अदालत को बताया कि जोबनेर के मेहस्वास गांव में अरावली पर्वतमाला के अंतर्गत गैर मुमकिन पहाड आता है। राज्य सरकार ने यहां खनन की अनुमति दी है। जबकि अरावली के अन्तर्गत आने के चलते यहां खनन की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस गैर मुमकिन पहाड में गैर मुमकिन नदी का हिस्सा भी आता है। याचिका में आरोप लगाया गया कि खनन माफिया ने सरकारी अधिकारियों से मिलीभगत कर पूरे 125 हेक्टेयर के पहाड का दोहन कर लिया है और अब यह समाप्त होने की कगार पर है। खनन माफिया तय क्षेत्र से अतिरिक्त स्थान पर भी खनन कार्य कर रहा है। वहीं खनन के दौरान विस्फोटकों का भी उपयोग किया जाता है। याचिका में गुहार की गई है कि यहां खनन कार्य रोका जाए और खननकर्ताओं से भारी पेनल्टी वसूली जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक