नेपाल का संविधान दिवस : सरकारी पक्ष समारोह की तैयारी में, मधेशी दल की काला दिन मानने की घोषणा
काठमांडू, 18 सितंबर (हि.स.)। नेपाल में नए संविधान के जारी होने के 9 वर्षों बाद भी पूरे देश में इसे अब तक नहीं मनाया जाता है। 19 सितंबर को सरकार ने राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है तो वहीं मधेशी दलों का विरोध आज तक बरकरार है। संविधान दिव
नेपाल का संविधान दिवस


काठमांडू, 18 सितंबर (हि.स.)। नेपाल में नए संविधान के जारी होने के 9 वर्षों बाद भी पूरे देश में इसे अब तक नहीं मनाया जाता है। 19 सितंबर को सरकार ने राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है तो वहीं मधेशी दलों का विरोध आज तक बरकरार है। संविधान दिवस के दिन को काले दिन के रूप में मनाने की घोषणा की है।

सन् 2015 के 19 सितंबर को विद्रोह और विरोध के बीच देश का संविधान जारी किया गया था। एक तरफ नेपाल के आधे हिस्से में संविधान में अपने अधिकार और पहचान को सुनिश्चित करने की मांग करते हुए विरोध किया जा रहा था। पूरे मधेश में विद्रोह का माहौल था। 6 महीने से लगातार चल रहे आंदोलन को दबाने के लिए तत्कालीन सरकार के निर्देश पर सुरक्षा बल सड़कों पर गोलियां चला रहे थे और मधेशी आंदोलनकारी गोलियां खाकर अपनी जान दे रहे थे। इस आंदोलन के दौरान करीब 100 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी लेकिन तीन प्रमुख दलों ने सहमति कर संविधान जारी कर दिया।

इस समय से लेकर आज 9 वर्षों बाद भी मधेशी दल संविधान दिवस के दिन को काला दिन के रूप में मनाते आ रहे हैं। दूसरी तरफ सरकार ने इसे राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मानने का फैसला किया है। खुद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने वीडियो संदेश जारी करते हुए संविधान दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मानने की अपील की है। उन्होंने आम लोगों से अपने अपने घरों में राष्ट्रीय झंडा फहराने का आग्रह करते हुए शाम को दीपावली मनाने की भी अपील की है। सरकार की तरफ से सेना परेड मैदान में झंडोत्तोलन का कार्यक्रम होता है जिसमें प्रधानमंत्री देश के नाम संबोधन देते हैं। सेना के द्वारा विशेष प्रदर्शन किया जाता है।

इसके ठीक विपरीत मधेश केंद्रित दलों के द्वारा संविधान दिवस के दिन को काला दिन के रूप में मनाया जाता है। सत्ता में रहे जनता समाजवादी पार्टी, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, जनमत पार्टी ने कल होने वाले सरकारी समारोह में सम्मिलित नहीं होने का फैसला किया है। ओली सरकार में मंत्री रहे प्रदीप यादव ने कहा कि चूंकि अब तक मधेशी जनता की मांग के मुताबिक उनको पूरा अधिकार नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी अंगों में सम्नुपातिक और समावेशी ढंग से स्थान नहीं मिलने तक हमारा विरोध जारी रहेगा।

इसी तरह जनमत पार्टी के अध्यक्ष डॉ सीके राउत ने कहा कि चूंकि हमारी प्रदेश में सरकार है लेकिन हम संविधान दिवस नहीं मना रहे हैं। राउत ने बताया कि मधेशी जनता के लिए अभी उत्सव मनाने का समय नहीं आया है इसलिए हम काला दिन के रूप में मना रहे हैं। उन्होंने बताया कि कल शाम को आधे घंटे के लिए मधेश प्रदेश में ब्लैक आउट किया जाएगा। सुबह में मधेश आंदोलन के क्रम में मारे गए शहीदों को श्रद्धांजलि देने का भी कार्यक्रम है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास