मरीज की मौत के बाद निजी अस्पताल में तोड़फोड़,पुलिस मौके पर पहुंच जांच में जुटी
अररिया 16 सितम्बर (हि.स.)। फारबिसगंज सुभाष चौक संचिता पैलेस होटल में स्थित शकुंतला आरोग्य नर्सिंग होम में सोमवार की शाम मरीज की मौत पर परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया।मरीज की मौत के बाद अक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की और अस्पताल संचालक
अररिया फोटो:मौके पर पहुंची पुलिस जांच करती


अररिया 16 सितम्बर (हि.स.)।

फारबिसगंज सुभाष चौक संचिता पैलेस होटल में स्थित शकुंतला आरोग्य नर्सिंग होम में सोमवार की शाम मरीज की मौत पर परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया।मरीज की मौत के बाद अक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की और अस्पताल संचालक चिकित्सक डॉ.मनोरंजन शर्मा को बंधक बनाकर जमकर उनकी पिटाई की।

आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक के सहयोगियों की भी जमकर पिटाई की हंगामा और तोड़फोड़ की सूचना के बाद फारबिसगंज थानाध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह पुलिस अधिकारियों और बलों के साथ मौके पर पहुंचकर चिकित्सक और उसके सहयोगी को पहले भीड़ से सुरक्षित निकाला और आक्रोशितों को समझा बुझाकर शांत कराते हुए अस्पताल परिसर से सबों को बाहर निकाला। मृतक नरपतगंज के पोसदाहा वार्ड संख्या नौ के रहने वाले अशोक यादव का 30 साल का पुत्र धर्मेंद्र कुमार यादव है। जो रविवार के दोपहर में पेट खराब और लूज मोशन को लेकर अस्पताल में भर्ती हुआ था। हालांकि चिकित्सक डॉ मनोरंजन शर्मा के अनुसार वह एक माह से इस मरीज का हाई अल्कोहल टॉक्सिकन को लेकर पड़ने वाले दौरे और बेहोशी का इलाज कर रहा था। चिकित्सक को अनुसार मरीज के स्वास्थ्य में सुधार भी हो रहा था।

मामले को लेकर मरीज के पिता अशोक यादव ने बताया कि उनका लड़का 30 वर्षीय धर्मेंद्र कुमार यादव दिल्ली में मजदूरी का काम करता था।घर आने पर तबियत खराब होने पर डॉ मनोरंजन शर्मा से दिखाया गया था। कल रविवार को दोपहर तीन बजे अचानक लूज मोशन होने लगा। जिसको लेकर अस्पताल में भर्ती कराया।चिकित्सक द्वारा इलाज किया जा रहा था,लेकिन किसी तरह का कोई सुधार मरीज में नहीं हो रहा था। जिसको लेकर सोमवार के सुबह में भी रेफर के लिए कहा गया तो विश्वास दिलाते हुए पांच हजार रुपये जमा करवाया गया। लेकिन मरीज की हालत बिगड़ती चली गई और अंत में एक पाइप मुंह में डाला गया तो मुख में खून आ गया। उसी समय बेटे की मौत हो गई। चिकित्सक डॉ मनोरंजन शर्मा ने एक माह पहले बेहोशी की हालत में दौरा पड़ने वाली स्थिति में मरीज को भर्ती कराया गया था,जिसका इलाज किया जा रहा था और उनकी हालत में सुधार भी हो रही थी। उन्होंने कहा कि रिस्क लेकर भी मरीज को बचाने का भरसक प्रयास किया गया,लेकिन कामयाबी नहीं मिली।

उन्होंने परिजनों द्वारा बंधक बनाकर उन्हें और उनके सहयोगी को बुरी तरह पीटने और अस्पताल में तोड़फोड़ करने की बात कही। मामले पर फारबिसगंज थानाध्यक्ष राघवेंद्र कुमार सिंह ने मरीज की मौत पर अस्पताल में तोड़फोड़ होने की बात करते हुए चिकित्सक की पिटाई मामले की जांच करने की बात कही। उन्होंने कहा कि लिखित आवेदन के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर