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धर्मशाला, 16 सितंबर (हि.स.)।धर्मशाला स्थित निर्वासित तिब्बती संसद में चल रहे आठवें सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सुरक्षा व्यवस्था के मुद्दे को लेकर तीखी नोक-झोंक हुई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हुई यह नोक झोंक और तकरार इतनी बढ़ गई की करीब डेढ़ दिन तक तिब्बती संसद का सत्र नहीं चल पाया है। सुरक्षा के मुद्दे को लेकर विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर कई तरह के आरोप लगाए। यही नहीं इस मुद्दे को लेकर विपक्ष का साथ देने के लिए कई लोग निर्वासित तिब्बती संसद के बाहर धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
इसी बीच बीते शनिवार को संसद में सत्र के दौरान सुरक्षा के मुद्दे को लेकर काफी हो हल्ला हुआ। विपक्ष ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए सत्ता पक्ष पर सुरक्षा व्यवस्था में ढील बरतने का आरोप लगाया है। इसी मुद्दे को लेकर शनिवार को भी आधा दिन सत्र नहीं चल पाया जबकि सोमवार को भी पूरा दिन सत्र की कार्यवाही नहीं हो पाई। इस सारी स्थिति को देखते हुए आज सत्ता पक्ष की ओर से विपक्ष को सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिए गए आश्वासन के बाद विपक्ष ने कल यानी मंगलवार से दोबारा सत्र में हिस्सा लेने को हामी भर दी है। अब देखना यह है कि कल पूरा दिन सत्र चल पाता है या नहीं।
गौरतलब है कि बीते 11 सितंबर से शुरू हुए आठवें निर्वासित तिब्बती संसद के सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई है। उनमें सुरक्षा व्यवस्था का यह मुद्दा भी काफी गरमाया रहा है। गौरतलब है कि 11 सितंबर से शुरू हुआ यह सत्र 19 सितंबर तक चलेगा। अब ऐसे में अगले तीन दिनों तक संसद सत्र के दौरान किस तरह का माहौल रहेगा यह देखने वाली बात है। वहीं अगर देखा जाए तो शायद यह पहला मौका है जब तिब्बती संसद के स्तर के दौरान इस तरह का माहौल बना है।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया