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मऊ, 16 सितंबर (हि.स.)। मऊ जिले के डीसीएसके पीजी कॉलेज में सोमवार को संस्कार भारती के स्वागत अभिनंदन समारोह कार्यक्रम में शामिल होने राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ सुनील विश्वकर्मा साेमवार काे पहुंचे। उन्हाेंने कला और शिक्षा के विकास को लेकर कहा कि म्यूजिक और फाइन आर्ट को शामिल करते हुए भातखंडे संस्कृत विश्वविद्यालय का विस्तार किया जाएगा। मऊ में भी ललित कला अकादमी का क्षेत्रीय केंद्र बनेगा और ललित कला अकादमी के प्रदेश कार्य समिति में मऊ का भी सदस्य शामिल होगा।
मीडिया से बात करते हुए डॉक्टर सुनील विश्वकर्मा ने कहा कि ललित कला अकादमी का विजन कला समाज एवं कलाकारों के उत्थान के लिए कार्य करना है। शिक्षा और कला से जुड़े हर व्यक्ति को इससे लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मुझे यह अहम जिम्मेदारी दी गई है जिसके लिए मैं पूरी ताकत से कार्य करूंगा। हमारी पूरी कमेटी है जिसका विस्तार 28 तारीख को किया जाएगा, जिसमें मऊ का भी सदस्य शामिल होगा।
कला और शिक्षक क्षेत्र में विकास को लेकर उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक मंत्री से वार्ता हुई है, ललित कला अकादमी में भी कॉलेज की शुरुआत हुई है और इसके लिए स्थान अधिग्रहण की बात चल रही है। कई कॉलेजों से भी एमओयू स्थापित करके कार्य किए जाएंगे। वाराणसी में क्षेत्रीय केंद्र बना है और मऊ में भी एक क्षेत्र केंद्र खुलेगा।
उल्लेखनीय है कि डॉ सुनील विश्वकर्मा ने ही अयोध्या के श्री रामलला के विग्रह का प्रथम चित्र तैयार किया था। इसी चित्र से ही श्री रामलला का विग्रह बनाया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने डॉक्टर सुनील विश्वकर्मा को राज्य ललित कला अकादमी का अध्यक्ष बनाया है। इसके बाद उनका अपने गृह जनपद मऊ में पहली बार आगमन हुआ है।
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हिन्दुस्थान समाचार / वेद नारायण मिश्र