शादी का झांसा देकर शारीरिक सम्बंध बनाना दुष्कर्म : हाई कोर्ट
- इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आरोपित को राहत देने से किया इनकार प्रयागराज, 11 सितम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि शादी का झांसा देकर शारीरिक सम्बंध बनाना प्रथम दृष्टया दुष्कर्म है। कोर्ट ने सहमति से सम्बंध के आधार पर पुलिस चार्जशीट को रद्द क
इलाहाबाद हाईकोर्ट


- इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आरोपित को राहत देने से किया इनकार

प्रयागराज, 11 सितम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि शादी का झांसा देकर शारीरिक सम्बंध बनाना प्रथम दृष्टया दुष्कर्म है। कोर्ट ने सहमति से सम्बंध के आधार पर पुलिस चार्जशीट को रद्द करने की मांग के लिए दाखिल याचिका खारिज कर दी।

यह आदेश न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने राघव कुमार की याचिका पर दिया है। महिला थाना, आगरा में 15 नवम्बर 2018 को याची के खिलाफ शिकायतकर्ता युवती ने दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की। दोनों आगरा में एक साथ पढ़ते थे और एक-दूसरे से मिलते रहते थे।

युवती का आरोप है कि राघव ने उसे अपने घर बुलाया और चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिलाया। इसके बाद उसके साथ शारीरिक सम्बंध बनाया। इस घटना का वीडियो व फोटो भी बना लिया। कहा उससे शादी करो नहीं तो फोटो वायरल कर बदनाम कर देंगे। ऐसे में मजबूर होकर शादी के लिए तैयार हो गई। इस दौरान कई बार शादी के झांसे में रख शारीरिक सम्बंध बनाया। बाद में शादी करने से इनकार कर दिया। पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया, जिसे चुनौती दी गई थी।

याची का कहना था कि दोनों एक-दूसरे को जानते थे। आपसी सहमति से सम्बंध बनाए और यह लम्बे समय तक चलता रहा। सहमति से बने सम्बंध मामले में दुष्कर्म के आरोप में कार्रवाई नहीं की जा सकती। अपर शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि रिश्ते की शुरुआत धोखाधड़ी पर आधारित है। इसलिए प्रथम दृष्टया दुष्कर्म का अपराध बनता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे