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— स्कैन्जेनी साइंटिफिक प्राइवेट लिमिटेड को आईआईटी ने किया हस्तांतरित
कानपुर, 06 अगस्त (हि.स.)। कैंसर का पता लगाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर ने मुंह परीक्षक उपकरण का इजाद किया है। यह एक नॉन-इनवेसिव ओरल कैंसर का पता लगाने वाला उपकरण है, जो जो स्मार्टफोन, टैबलेट, आईपैड आदि से वायरलेस तरीके से कनेक्ट होता है। इसके साथ ही क्लिनिकल सेटिंग में 90 प्रतिशत सटीकता के साथ त्वरित और दर्द रहित जांच प्रदान करता है। यह सुरक्षित है, विकिरण मुक्त है और इसके लिए किसी अतिरिक्त रसायन या प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होती है। इस उपकरण को आईआईटी ने स्कैन्जेनी साइंटिफिक प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दिया है।
मुंह परीक्षण उपकरण मुंह के कैंसर का पता लगाने के लिए एक पोर्टेबल डिवाइस है, जिसका आविष्कार केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर जयंत कुमार सिंह और उनकी टीम ने किया है। यह डिवाइस मुंह की जांच करने के लिए विशेष रोशनी और कैमरे का उपयोग करती है। मुंह की छवियों का विश्लेषण करके और उन्हें सामान्य, कैंसर से पहले या कैंसर के रुप में वर्गीकृत करके तत्काल परिणाम प्रदान करती है। परिणाम स्मार्टफोन ऐप पर प्रदर्शित होते हैं और निरंतर अपडेट के लिए क्लाउड सर्वर पर संग्रहीत होते हैं, जो इसे स्व-परीक्षण के लिए आदर्श बनाता है।
आईआईटी के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि आईआईटी कानपुर स्वास्थ्य सेवा नवाचार को आगे बढ़ाने और गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों से निपटने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में मुंह परीक्षक उपकरण कैंसर की जांच के लिए विशेषज्ञों की टीम ने तैयार किया और स्कैन्जेनी साइंटिफिक प्राइवेट लिमिटेड के बीच प्रौद्योगिकी लाइसेंसिंग समझौते पर औपचारिक रुप से हस्ताक्षर किए गए। यह स्वास्थ्य परिणामों को महत्वपूर्ण रुप से बेहतर बनाने और समाज पर हमारे शोध के गहन प्रभाव को प्रदर्शित करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस महत्वपूर्ण सहयोग के माध्यम से आईआईटी कानपुर और स्कैनजेनी साइंटिफिक प्राइवेट लिमिटेड प्रारंभिक कैंसर का पता लगाने की तकनीक को आगे बढ़ाएंगे। इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवा परिणामों में सुधार करेंगे और अभिनव समाधानों के प्रभाव को प्रदर्शित करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार
हिन्दुस्थान समाचार / अजय सिंह / मोहित वर्मा