अंतरिक्ष विज्ञान और नवाचार भविष्य के प्रति युवाओं की भूमिका में हुई वृद्धि : डॉ.सुब्बा राव पावुलुरी
कानपुर, 27 अगस्त (हि.स.)। अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की भूमिका एवं नवाचार शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग की भूमिका मजबूत हुई है। यह बात मंगलवार को भारतीय औद्योगिक संस्थान कानपुर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि एसआईए—इं
अंतरिक्ष विज्ञान और नवाचार के भविष्य के प्रति युवाओं की भूमिका में हुई वृद्धि: डॉ.सुब्बा राव पावुलुरी


कानपुर, 27 अगस्त (हि.स.)। अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की भूमिका एवं नवाचार शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग की भूमिका मजबूत हुई है। यह बात मंगलवार को भारतीय औद्योगिक संस्थान कानपुर द्वारा आयोजित राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि एसआईए—इंडिया के अध्यक्ष और अनंत टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के चेयरमैन और एमडी डॉ. सुब्बा राव पावुलुरी ने कही।

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान और नवाचार के भविष्य के प्रति युवाओं की जिज्ञासा तेजी से बढ़ी है और देश के युवाओं को इसके प्रति प्रेरित करने की इससे भी अधिक आवश्यकता है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों में जिज्ञासा जगाना और वैज्ञानिक मानसिकता को बढ़ावा देना है।

इस अवसर पर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा अंतरिक्ष विज्ञान के विशाल क्षेत्र का पता लगाने और जश्न मनाने के लिए अंतरिक्ष'24 कार्यक्रम प्रतिभागियों के एक विविध समूह को एक साथ लाया। इस कार्यक्रम ने अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला और नवाचार को बढ़ावा देने में शिक्षा और उद्योग के बीच सहयोग के महत्व को मजबूत किया। मैं इस कार्यक्रम की सह-मेजबानी करने और उनके असाधारण प्रयासों के लिए डिपार्टमेन्ट ऑफ स्पेस, प्लैनेटरी एण्ड एस्ट्रोनॉमिकल साइंसस् एण्ड इंजीनियरिंग और एयरोस्पेस विभागों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिसने छात्रों और शोधकर्ताओं को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में ज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है।

इस मौके पर यू.आर. राव सैटेलाइट सेंटर बेंगलुरु की श्रीमती निगार शाजी ने कहा भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं भारत के विज्ञान मिशनों, तकनीकी चुनौतियों, उपलब्धियों और भविष्य के लगातार प्रयास हो रहा है। पंजाब विश्वविद्यालय,चंडीगढ़ के प्रो. संदीप साहिजपाल ने अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र: हमारी वर्तमान समझ में वृद्धि हुई है।

कार्यक्रम में डिपार्ट्मन्ट ऑफ स्पेस, प्लैनिटेरी एण्ड एस्ट्रोनॉमिकल साइंस एण्ड इंजीनियरिंग के प्रमुख प्रो. पंकज जैन और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रमुख प्रो. गोपाल कामथ ने सभी अतिथियों, वक्ताओं और उपस्थित लोगों का स्वागत किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से आईयूसीएए पुणे के प्रो. अजीत खेम्भवी; सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के प्रो. एम.सी. उत्तम; मनस्तु स्पेस के सह-संस्थापक और सीईओ तुषार जाधव और डिपार्ट्मन्ट ऑफ स्पेस, प्लैनेटरी एण्ड एस्ट्रोनॉमिकल साइंसस् एण्ड इंजीनियरिंग आई आई टी कानपुर के प्रो. अमितेश उमर और आईआईटी कानपुर के छात्रों, शोधकर्ताओं और स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों सहित लगभग 450 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल / विद्याकांत मिश्र