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— पांच दिवसीय हिंदी टाइपिंग और वर्ड प्रोसेसिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
कानपुर, 12 अगस्त (हि.स.)। आईआईटी कानपुर की लाइब्रेरी और शोध पुस्तकों में अधिकांश का हिन्दी अनुवाद हो चुका है, जो बचे हुए हैं उनका अनुवाद किया जा रहा है। हिन्दी भाषी छात्र अनुवादित पुस्तकों का अध्ययन भी कर रहे हैं और हिन्दी कीमांग भी अधिक हो रही है। इस प्रकार आईआईटी में हिन्दी का दायरा लगातार बढ़ रहा है। यह बातें सोमवार को आईआईटी के उप निदेशक प्रो. ब्रज भूषण ने कही।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में राजभाषा प्रकोष्ठ ने हिंदी टाइपिंग और हिंदी वर्ड प्रोसेसिंग पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग की हिंदी शिक्षण योजना के तहत आयोजित इस पहल का मार्गदर्शन आईआईटी कानपुर के उप निदेशक प्रो. ब्रज भूषण ने किया। कानपुर के मीरपुर कैंट से हिंदी शिक्षण योजना के सहायक निदेशक नवाज शरीफ ने प्रशिक्षण का संचालन किया। प्रशिक्षण में संस्थान के विभिन्न विभागों के 28 अधिकारियों और कर्मचारियों ने सक्रिय भागीदारी की, जो हिंदी टाइपिंग और वर्ड प्रोसेसिंग में अपनी दक्षता बढ़ाने के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कार्यक्रम का समग्र निर्देशन राजभाषा प्रकोष्ठ के प्रभारी प्रोफेसर डॉ. अर्क वर्मा ने किया, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि प्रशिक्षण संस्थान के उद्देश्यों के अनुरूप हो। पांच दिवसीय कार्यक्रम के बाद संस्थान के रजिस्ट्रार विश्व रंजन ने प्रतिभागियों के प्रयासों को मान्यता देते हुए उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किए। उन्होंने प्रतिभागियों को अपने दैनिक आधिकारिक कार्यों में हिंदी का प्रयोग बढ़ाकर अपने नए अर्जित कौशल को लागू करने के लिए प्रेरित किया, जिससे संस्थान में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के व्यापक लक्ष्य में योगदान मिला। समापन समारोह का संचालन वरिष्ठ तकनीकी अधीक्षक जगदीश प्रसाद ने किया, जबकि हिंदी अधिकारी विजय कुमार पांडे ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
हिन्दुस्थान समाचार / अजय सिंह / Siyaram Pandey