जीएसटी संग्रह जुलाई में 10.3 फीसदी उछलकर 1.82 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा
-जीएसटी संग्रह और अन्‍य प्रासंगिक डेटा जीएसटी पोर्टल पर उपलब्‍ध होगा नई दिल्‍ली, 01 अगस्‍त (हि.स.)। अर्थव्‍यवस्‍था के र्मोचे पर अच्‍छी खबर है। जुलाई महीने में वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्‍व संग्रह 10.3 फीसदी उछलकर 1.82 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच
जीएसटी के लोगो का फाइल फोटो


-जीएसटी संग्रह और अन्‍य प्रासंगिक डेटा जीएसटी पोर्टल पर उपलब्‍ध होगा

नई दिल्‍ली, 01 अगस्‍त (हि.स.)। अर्थव्‍यवस्‍था के र्मोचे पर अच्‍छी खबर है। जुलाई महीने में वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्‍व संग्रह 10.3 फीसदी उछलकर 1.82 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 1.65 लाख करोड़ रुपये रहा था।

जीएसटी महानिदेशालय ने गुरुवार को जारी आंकड़ों में बताया कि जुलाई में सकल जीएसटी राजस्‍व संग्रह 10.3 फीसदी उछलकर 1,82,075 करोड़ रुपये रहा है। आंकड़ों के मुताबिक जुलाई महीने में कुल रिफंड 16,283 करोड़ रुपये रहा। जुलाई में इस रिफंड के बाद शुद्ध जीएसटी संग्रह 14.4 फीसदी बढ़कर 1.66 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।

आंकड़ों के मुताबिक जुलाई महीने में 1,82,075 करोड़ रुपये के जीएसटी राजस्‍व संग्रह में सीजीएसटी 32386 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 40289 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 96447 करोड़ रुपये है, जिसमें आयात पर कलेक्‍शन करीब 47 हजार करोड़ रुपये शामिल है। वहीं, जुलाई महीने में घरेलू गतिविधियों से सकल कर राजस्व 8.9 फीसदी बढ़कर 1.34 लाख करोड़ रुपये हो गया। वहीं आयात से प्राप्त जीएसटी राजस्व 14.2 फीसदी बढ़कर 48,039 करोड़ रुपये रहा है।

वित्‍त मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि जीएसटी संग्रह और अन्य प्रासंगिक डेटा को जीएसटी पोर्टल पर लगातार एक्सेस किया जा सकता है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह से संबंधित डेटा को जीएसटी पोर्टल https://www.gst.gov.in पर ‘समाचार और अपडेट’ अनुभाग के तहत रखा जाएगा। डेटा को भी उक्त वेबसाइट के ‘डाउनलोड’ अनुभाग में ‘जीएसटी सांख्यिकी’ के तहत 2017 से नियमित रूप से अपडेट किया जा रहा है।

उल्‍लेखनीय है कि इस वर्ष अप्रैल महीने में जीएसटी राजस्व संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया था। केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 में सरकारी खजाने में जीएसटी कलेक्शन के रूप में 11 फीसदी के ग्रोथ की उम्मीद है।

हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर / रामानुज