बुंदेलखंड की जमी पर गेंदा की खेती से किसानों के जीवन में महक
हमीरपुर, 31 जुलाई (हि.स.)। बुंदेलखंड भूभाग में गेंदा की खेती से किसानों की किस्मत चमक रही है। मोटी कमाई होने के कारण अब यहां के किसानों ने इसकी खेती का दायरा भी बढ़ाया है। अकेले हमीरपुर जिले में ही दर्जनों किसान गेंदा की खेती कर रहे है, जबकि बुंदेलखंड
फोटो--31एचएएम- 11 बुंदेलखंड की जमी पर गेंदा की खेती से किसानों का महका जीवन


हमीरपुर, 31 जुलाई (हि.स.)। बुंदेलखंड भूभाग में गेंदा की खेती से किसानों की किस्मत चमक रही है। मोटी कमाई होने के कारण अब यहां के किसानों ने इसकी खेती का दायरा भी बढ़ाया है। अकेले हमीरपुर जिले में ही दर्जनों किसान गेंदा की खेती कर रहे है, जबकि बुंदेलखंड के चित्रकूट धाम बांदा मंडल में गेंदा की खेती करने वाले किसानों का आंकड़ा सौ पार हो गया है।

बुंदेलखंड के हमीरपुर, महोबा, बांदा और चित्रकूट के अलावा आसपास के तमाम इलाकों में परम्परागत खेती के साथ किसानों ने गेंदा के फूलों की खेती में बड़ी दिलचस्पी बढ़ाई है। हमीरपुर भूभाग में ही बड़ी संख्या में किसान गेंदा की खेती शुरू की है। इसकी खेती में लागत भी बहुत कम आती है लेकिन मुनाफा कई गुना तक होता है। हमीरपुर जिले के राठ, गोहांड और सरीला क्षेत्र के तमाम गांवों में इन दिनों गेंदा की खेती के लिए किसानों ने पौधे रोपित कर दिए है।

हमीरपुर के उद्यान निरीक्षक शौभाग्य सोनी ने बताया कि पिछले साल करीब दो दर्जन किसानों ने गेंदा की खेती की थी। इसकी खेती करने वालों को डिपार्टमेंट की तरफ से मुफ्त बीज और खाद्य, कीटनाशक दवाएं मुहैया कराई गई थी। उन्हाेंने बताया कि गेंदा की खेती से किसानों को बड़ा मुनाफा हो रहा है। क्योंकि इसकी डिमांड पिछले कई वर्षों से बढ़ी है।

गेंदा की खेती करने वाले रघुवीर सिंह ने बताया कि गेंदा फूलने के बाद इसकी तोड़ाई होती है। खेतों में ही आर्गेनिक कम्पनी के लोग फूलों का तेल खरीदने आते है। यहां के फूलों की अमेरिका, रूस और जर्मनी समेत तमाम देशों में डिमांड है, इसीलिए अब बुंदेलखंड की जमीन पर परम्परागत खेती के साथ गेंदा की खेती की तरफ किसानों ने तेजी से कदम बढ़ाए है।

गेंदा की खेती से किसानों की बदल रही तकदीर

राठ क्षेत्र के गोहानी, बंधौली बसेला समेत तमाम गांवों में किसानों ने गेंदा की खेती इस साल बड़े रकबे में शुरू की है। राजेन्द्र सिंह, अंकपाल सिंह, राजेद्र सिंह ने बताया कि पहली बार गेंदा की खेती करने पर पन्द्रह हजार रुपये के करीब लागत आई थी लेकिन मुनाफा तीन गुना तक मिला था। बताया कि परम्परागत खेती में हर साल दैवीय आपदा से किसानों को भारी नुकसान होता है इसीलिए गेंदा और बागवानी करने से बुंदेलखंड के किसानों की तकदीर भी बदल रही है।

गेंदा की खेती पर डिपार्टमेंट ने भी खोला खजाना

हमीरपुर समेत बुंदेलखंड क्षेत्र में गेंदा की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। महोबा और बांदा के अलावा आसपास के तमाम इलाकों में गेंदा की खेती का लगातार रकबा बढ़ रहा है। यहां के उद्यान निरीक्षक शौभाग्य सोनी ने बताया किशासन ने इस साल दस हेक्टेयर में गेंदा की खेती कराने का टारगेट दिया है। इस बार पच्चीस किसानों ने इसकी खेती शुरू की है। बताया कि प्रति हेक्टेयर सोलह हजार रुपये के अनुदान में बीज, खाद किसानों को दिया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा