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कानपुर, 03 जुलाई (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी) ने हाल ही में रणजीत सिंह रोजी शिक्षा केंद्र आईआईटी कानपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स के मूल सिद्धांत और आर्डुइनो प्रोग्रामिंग पर एक पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला ग्रामीण स्कूल के बच्चों को आर्डुइनो प्रोग्रामिंग और रोबोटिक्स की बुनियादी जानकारी देने के लिए डिजाइन की गई थी। मटेरियल्स साइंस एण्ड इंजीनियरिंग विभाग आईआईटीके के प्रोफेसर संदीप सांगल के विशेषज्ञ मार्गदर्शन में छात्रों ने अल्ट्रासोनिक सेंसर, आईआर सेंसर, मोटर ड्राइवर और आर्डुइनो बोर्ड जैसे घटकों का उपयोग करके एक स्व-चालित, बाधा-परिहारक कार बनाने की परियोजना पर काम किया।
आईआईटी की मीडिया प्रभारी रुचा खेडेकर ने बुधवार को बताया कि यह कार्यशाला पांच सत्रों में आयोजित की गई थी और इसमें पांच विभिन्न ग्रामीण स्कूलों के 25 छात्रों ने भाग लिया। इन सत्रों के दौरान, छात्रों ने समूहों में काम करके अपनी बाधा-परिहारक रोबोट्स को असेंबल किया। उन्होंने रोबोट्स की गति को सटीक रूप से नियंत्रित करने के लिए मोटर ड्राइवरों को आर्डुइनो बोर्ड के साथ इंटरफेस करना सीखा। इस व्यावहारिक अनुभव में सेंसर, मोटर्स और मोटर ड्राइवरों को आर्डुइनो बोर्ड के साथ जोड़ना और सभी घटकों की सही कार्यक्षमता सुनिश्चित करना शामिल था।
कार्यशाला के दौरान छात्रों ने रोबोटिक्स में आमतौर पर आने वाली विभिन्न चुनौतियों का सामना किया, जैसे सेंसर कैलिब्रेशन, मोटर नियंत्रण समस्याएं और इलेक्ट्रिकल कनेक्शनों में गड़बड़ी। प्रोफेसर सांगल की टीम ने निरंतर मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान किया, जिससे छात्रों को इन बाधाओं को पार करने में मदद मिली। कार्यशाला ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित शिक्षा में व्यावहारिक सीखने के महत्व को उजागर किया, जो नवप्रवर्तकों और इंजीनियरों की अगली पीढ़ी को प्रेरित करेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/बृजनंदन