सुनने और सुनाने वाले का सामंजस्य हो तो न्याय मिलना आसान होगाः मंत्री सारंग
भोपाल, 1 जुलाई (हि.स.)। सहकारिता एवं खेल मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि यदि सुनने वाले और सुनाने वाल
सुनने और सुनाने वाले का सामंजस्य हो तो न्याय मिलना आसान होगाः मंत्री सारंग


भोपाल, 1 जुलाई (हि.स.)। सहकारिता एवं खेल मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि यदि सुनने वाले और सुनाने वाले व्यक्तियों के बीच समन्वय हो जाये तो लोगों को न्याय मिलना आसान हो जायेगा। उन्होंने कहा कि अधिकार एवं कर्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। पूरी ईमानदारी से कर्तव्यों का निवर्हन करने के प्रयास होना चाहिये।

मंत्री सारंग सोमवार को यहां अपेक्स बैंक समन्वय भवन, भोपाल में म.प्र.राज्य सहकारी अधिकरण, भोपाल के रजत जयंती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहकार से समृद्धि के नारे को सफल बनाने की जवाबदारी केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह को सौंपकर ऐतिहासिक निर्णय लिया है। आज सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।

सारंग ने कहा कि जिस प्रकार से सहकारिता का सबसे सुंदर उदाहरण हमारा परिवार है। मुखिया आजीविका अर्जित करता है। अन्य सदस्य परिवार की गतिविधियों का संचालन करते हैं।

सहकारी अधिकरण के अध्यक्ष चन्द्रेश खरे एवं सदस्य अरूण माथुर ने अध्यक्ष, सदस्य सचिव, अधिवक्तागण एवं कार्यालयीन लोगों की सराहना की। महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने कहा कि सहकारी अधिकरण का रजत जयंती में प्रवेश ऐतिहासिक अवसर है। केन्द्र सरकार द्वारा अंग्रेजों के जमाने के बनाये गये कानूनों को परिवर्तित कर देश के नागरिकों को बेहतर सुरक्षा एवं अतिशीघ्र न्याय दिलाने के प्रयास किये हैं। सहकारिता भारतीय संस्कृति में रची बसी है। भारत में वायु, जल, जमीन एवं जंगल व नदियों को सनातन काल से पूजा की जाती रही है। यही वजह है कि हजारों वर्ष पूर्व भी भारत में विश्व भर के लोग यहाँ अध्ययन करने आया करते थे।

उन्होंने कहा कि भारत में मल्टी स्टेट को-आपरेटिव्ह एक्ट विगत वर्ष लागू हुआ है। मध्य प्रदेश की सरकार प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत को साकार करने की दिशा में निरन्तर प्रयासरत है।

न्यायमूर्ति एवं अध्यक्ष, सशस्त्र बल, नई दिल्ली राजेन्द्र मेनन ने कहा कि देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश में ही वर्ष 1904 में सहकारिता की अवधारणा की उत्पत्ति हुई थी। 1957 में मध्यप्रदेश में सबसे पहली कॉ आपरेटिव्ह सोसायटी इंडियन कॉफी हाउस वर्क्स फेडरेशन बनी थी, जिसका आज टर्नओवर लगभग रूपये 600 करोड़ तक पहुँच गया है। उन्होने कहा कि सहकारी अधिकरण को सशक्त बना दिया गया है। उन्होंने भारत सरकार के मीडियेशन एक्ट, 2023 एवं ई-फाईलिंग हाईब्रिड सिस्टम को मध्यप्रदेश में भी लागू कराने का आग्रह किया, जिससे किसी भी जिले में कोई भी अधिवक्ता ऑनलाईन किसी भी दर्ज प्रकरण की जानकारी को कम्प्यूटर पर देखकर अपने जिले में रहकर ही पैरवी कर सकता है और किसी भी थाने में दर्ज प्रकरण की जानकारी भी किसी भी जिले में ऑनलाईन देखकर उसका निराकरण कराया जा सकता है। इससे लोगों को शीघ्र न्याय सुलभ हो सकेगा।

आरंभ में म. प्र. राज्य सहकारी संघ द्वारा रजत जयंती स्मारिका-2024 का विमोचन हुआ। म.प्र. अधिकरण बार के अध्यक्ष ओम पाटीदार व पूर्व अध्यक्ष डीके सक्सेना व सहकारी अधिकरण के प्रथम अध्यक्ष एम.आर.पाण्डेय ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन रानी रैकवार ने किया एवं आभार प्रदर्शन अरूण माथुर ने किया।

मध्यप्रदेश के लोकायुक्त न्यायमूर्ति सत्येन्द्र सिंह, उपलोकायुक्त न्यायमूर्ति एसके पालो, अध्यक्ष, माध्यस्थम अधिकरण म.प्र. न्यायमूर्ति जे.पी. गुप्ता, अध्यक्ष, म.प्र. रियल स्टेट अपीलियेट अधिकरण न्यायमूर्ति व्ही.पी. एस.चौहान, अध्यक्ष, म.प्र. मानव अधिकार आयोग मनोहर ममतानी, प्रबंध संचालक, प्रमुख सचिव सहकारिता दीपाली रस्तोगी, प्रबंध संचालक मार्कफेड आलोक कुमार सिंह, अध्यक्ष, सहकारी चुनाव प्राधिकरण एम.बी.ओझा, आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक मनोज कुमार सरियाम के साथ सहकारिता विभाग, शीर्ष सहकारी संस्थाओं के प्रबंध संचालक, अपेक्स बैंक के अधिकारीगण के साथ सहकारी अधिवक्तागण विशेष रूप से उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश