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जम्मू, 1 जुलाई (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और सुचेतगढ़ के डीडीसी तरनजीत सिंह टोनी ने भाजपा सरकार द्वारा तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की कड़ी आलोचना की और गंभीर प्रक्रियागत चिंताओं को उजागर किया।
यहां चट्ठा में बैठक में बोलते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर दिया कि इन कानूनों को पारित करने में आवश्यक संसदीय बहस और चर्चा का अभाव था, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए मौलिक है। उन्होंने कहा, हर नए कानून को लागू करने से पहले संसद में गहन विचार-विमर्श की जरूरत होती है। दुर्भाग्य से, भाजपा सरकार ने इस महत्वपूर्ण कदम को दरकिनार कर दिया है।
टोनी ने जल्दबाजी में किए गए कार्यान्वयन को पर्याप्त बहस और चर्चा के बिना मौजूदा कानूनों को ध्वस्त करने का एक और उदाहरण बताया। उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा से 146 सांसदों के निलंबन के बीच सरकार के दृष्टिकोण की आलोचना की। टोनी ने कहा, इन दूरगामी विधेयकों को संसद में बिना उचित जांच के जल्दबाजी में पारित किया गया, जिसमें गृह मामलों की स्थायी समिति के माध्यम से पारित किया जाना भी शामिल है। देश भर के हितधारकों से पर्याप्त परामर्श नहीं किया गया, और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सांसदों सहित कई सांसदों की विस्तृत आपत्तियों सहित असहमति की आवाज़ों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान