आज राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस : गुजरात की 19,776 छात्राओं को डॉक्टर बनने के लिए सरकार से मिली 573.50 करोड़ की आर्थिक मदद
गांधीनगर, 1 जुलाई (हि.स.)। भारत में प्रति वर्ष 1 जुलाई को पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रसि
मेडिकल कॉलेज


गांधीनगर, 1 जुलाई (हि.स.)। भारत में प्रति वर्ष 1 जुलाई को पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. बिधानचंद्र रॉय की याद में ‘राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस’ मनाया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस की थीम ‘विंग्स एंड स्टेथोस्कोप्सः हीलर्स ऑफ होप’ है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात में मेडिकल शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य सरकार इस बात के लिए लगातार प्रयासरत है कि राज्य की महिलाएं भी मेडिकल क्षेत्र में अपना करियर बनाएं और एक कुशल डॉक्टर बनकर स्वास्थ्य सेवाओं में अपना योगदान दें।

गुजरात सरकार ने मेडिकल क्षेत्र (एमबीबीएस) में अपना करियर बनाने को इच्छुक राज्य की बेटियों के लिए ‘मुख्यमंत्री कन्या केलवणी निधि योजना’ (एमकेकेएन) लागू की है। इस योजना का उद्देश्य एमबीबीएस में अध्ययन करने वाली तेजस्वी छात्राओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। मुख्यमंत्री कन्या केलवणी निधि योजना के अंतर्गत अब तक राज्य की 19,776 छात्राओं को 573.50 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता का लाभ दिया गया है।

मुख्यमंत्री कन्या केलवणी निधि (एमकेकेएन) योजना

इस योजना के अंतर्गत 6 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले परिवार की ऐसी छात्राएं जो कक्षा 12 के बाद एमबीबीएस में प्रवेश प्राप्त करती हैं, उन्हें राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जाती है। इस सहायता के लिए छात्राओं की सामुदायिक पृष्ठभूमि को ध्यान में नहीं लिया जाता है। वर्ष 2017 में शुरू की गई मुख्यमंत्री कन्या केलवणी निधि योजना के तहत अब तक राज्य सरकार द्वारा कुल 19,776 छात्राओं को मेडिकल क्षेत्र में करियर निर्माण के लिए 573.50 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। वर्ष 2023-24 के लिए इस योजना के अंतर्गत 4000 छात्राओं को 140 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान करने के लक्ष्य के सापेक्ष 4982 छात्राओं को 171.55 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता का भुगतान किया गया है।

गुजरात के छात्रों को मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए राज्य के बाहर न जाना पड़े और उन्हें स्थानीय स्तर पर ही मेडिकल की उत्तम शिक्षा उपलब्ध हो सके, इसके लिए राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेजों और मेडिकल सीटों की संख्या में लगातार वृद्धि की है। वर्ष 2001-02 में जहां राज्य में केवल 10 मेडिकल कॉलेज थे, वहीं 2023-24 में इनकी संख्या बढ़कर 40 हो गई है। इसके साथ ही, मेडिकल सीटों की संख्या वर्ष 2001-02 में 1275 से बढ़कर 2023-24 में 7050 तक पहुंच गई है।

राज्य के पांच जिलों को मेडिकल कॉलेज की सौगात

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में गुजरात के पांच जिलों- नवसारी, नर्मदा, पंचमहाल, मोरबी और पोरबंदर में 2250 करोड़ रुपए की लागत से नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सौगात दी है। प्रत्येक मेडिकल कॉलेजों में छात्रों के लिए 100 सीटें उपलब्ध कराई जाएंगी। इन जिलों में नवसारी, नर्मदा और पंचमहाल आदिवासी जिले हैं। अब आदिवासी समुदाय के छात्रों को भी मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाने के लिए व्यापक अवसर मिलेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/संजीव