पीसीएसजे 2022 परीक्षा परिणाम में इंटरमिक्सिंग की बात आयोग ने स्वीकारी
-कोर्ट ने गड़बड़ी दुरुस्त करने की पूरी प्रक्रिया की मांगी जानकारी, चेयरमैन को हलफनामा दाखिल करने का
पीसीएसजे 2022 परीक्षा परिणाम में इंटरमिक्सिंग की बात आयोग ने स्वीकारी


-कोर्ट ने गड़बड़ी दुरुस्त करने की पूरी प्रक्रिया की मांगी जानकारी, चेयरमैन को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश

प्रयागराज, 01 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट में लोक सेवा आयोग ने पीसीएसजे मुख्य परीक्षा 2022 के परिणाम में गड़बड़ी स्वीकार की। आयोग ने 03 अगस्त तक नये सिरे से गड़बड़ी वाले अभ्यर्थियों के पुनः परिणाम घोषित करने की हलफनामा दाखिल कर उप सचिव ने कोर्ट में जानकारी दी। लोक सेवा आयोग ने हलफनामा में स्वीकार किया कि परीक्षा परिणाम में इन्टरमीक्सिंग हुई है।

श्रवण पांडेय की याचिका की सुनवाई कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसडी सिंह तथा न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले को गंभीर माना और लोक सेवा आयोग के चेयरमैन को बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 08 जुलाई को होगी।

याची कोर्ट को बताया कि आयोग के उप सचिव ने अपने हलफनामे में स्वीकार किया गया कि इंटरमिक्सिंग हुई है। लगभग ऐसे 50 अभ्यर्थियों के परिणाम में इंटरमिक्सिंग का पता चला है। इनके परिणाम फिर से जारी किए जायेंगे।

कोर्ट ने आयोग के उप सचिव के हलफनामे को संतोषजनक नहीं माना और चेयरमैन को चार बिंदुओं पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने पूछा है कि कितने अभ्यर्थियों का परिणाम सही नहीं है। यदि फिर से इनके परिणाम तैयार होंगे तो कितने लोग बाहर होंगे। चयन से बाहर जाने व अंदर आने वालों के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जायेगी। कोर्ट ने 03 अगस्त की टाइमलाइन को सही नहीं माना और कहा कि पहले कार्यवाही पूरी की जाये।

इससे पहले कोर्ट ने लोक सेवा आयोग को अभ्यर्थियों की सभी 6 प्रश्न पत्रों की उत्तर पुस्तिकाएं कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया था।

याची श्रवण पांडेय अभ्यर्थी ने आरोप लगाया है कि उसकी अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिका में हैंडराइटिंग बदली हुई है तथा एक अन्य उत्तर पुस्तिका के कुछ पन्ने फाड़े गए हैं। जिसकी वजह से वह मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो पाया।

याची का कहना था कि वह 2022 पीसीएसजे मुख्य परीक्षा में शामिल हुआ, जिसका परिणाम 30 अगस्त 2023 को जारी किया गया। याची को मुख्य परीक्षा में जो भी अंक मिले थे उससे वह संतुष्ट नहीं था। उसने आरटीआई के तहत आयोग से जानकारी मांगी तो उसे 6 प्रश्न पत्रों में मिले प्राप्तांक की जानकारी मिली। पता चला कि अंग्रेजी प्रश्न पत्र में उसे 200 में से मात्र 47 अंक मिले हैं। इससे असंतुष्ट होकर उसने आरटीआई के तहत 6 प्रश्न पत्रों की उत्तर पुस्तिकाएं दिखाने की मांग की। उत्तर पुस्तिकाएं देखने पर पता चला की अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिका में उसकी हैंडराइटिंग नहीं है, जो कि उसने अन्य प्रश्न पत्रों में लिखी है। साथ ही हिंदी की उत्तर पुस्तिका के तीन चार पन्ने फटे हुए पाए गए। इस पर कोर्ट ने लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया कि याची की सभी 6 उत्तर पुस्तिकाओं को अदालत के सामने प्रस्तुत किया जाए ताकि उसका मिलान करके यह पता लगाया जा सके कि अंग्रेजी की उत्तर पुस्तिका में याची की हैंडराइटिंग है या नहीं है। अब आयोग ने परिणाम के इंटरमिक्सिंग की बात स्वीकार कर दुरूस्त करने का हलफनामा दाखिल किया है।

हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन./आकाश