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मंडी, 3 मई (हि.स.)। मंडी जिला के महादेव निवासी युवा साहित्यकार पवन चौहान की हिमाचल का बाल साहित्य पुस्तक प्रदेश के सभी मिडल स्कूलों के बच्चों द्वारा पढ़ी जाएगी। समग्र शिक्षा के अंतर्गत पवन चौहान की पुस्तक हिमाचल का बाल साहित्य हिमाचल के लगभग 1900 मिडिल स्कूलों के पुस्तकालयों में पहुंच रही है। इस योजना के तहत देश और प्रदेश के अन्य साहित्यकारों की पुस्तकें भी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक, राजकीय उच्च, मिडिल व प्राइमरी विद्यालयों में अपने-अपने स्तर पर पहुंचेगी।
पवन की यह पुस्तक हिमाचल के बाल साहित्य पर लिखी हिमाचल की पहली पुस्तक है। यह पुस्तक देश के जाने-माने प्रकाशन डायमंड पॉकेट बुक्सए नई दिल्ली से प्रकाशित हुई है। इस पुस्तक में हिमाचल के सभी बाल साहित्यकारों के जीवन परिचय के साथ उनकी रचनाएं भी शामिल की गई हैं। पुस्तक के शुरूआती पृष्ठों में हिमाचल के बाल साहित्य के इतिहास पर पवन ने बहुत गहराई से पड़ताल की है। पवन चौहान कहते हैं कि हिमाचल के विद्यालयों में इस पुस्तक के पहुंचने से वे बहुत खुश हैं। इस पुस्तक के माध्यम से बच्चे और बड़े हिमाचल के बाल साहित्य और साहित्यकारों के बारे में जानेंगे।
उल्लेखनीय है कि पवन चौहान देश के प्रसिद्ध बाल साहित्यकार हैं। इनकी रचनाएं हिमाचल व महाराष्ट्र राज्यों के पाठ्यक्रम के साथ अन्य पाठ्यक्रमों यथा सी.बी.एस.इ.ए आई.सी.एस.ई. और लीड के अंतर्गत देशभर में बच्चे पढ़ रहे हैं। यही नहीं महात्मा गांधी विश्वविद्यालय कोट्टयम, केरल के बी.कॉम. तथा राष्ट्र संत तुकाड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालयए नागपुर के बी.ए. पाठ्यक्रम में विद्यार्थी इनका यात्रा संस्मरण पढ़ रहे हैं।
इसके अलावाए इनकी बाल कहानी की पुस्तक भोलू भालू सुधर गया पर केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला से लघु शोध भी हुआ है। इनकी अब तक आठ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिसमें एक कविता, एक कहानी, चार बाल कहानी, एक बाल साहित्य, एक धरोहर संरक्षण पुस्तक शामिल है। अभी हाल ही में इनकी बाल कहानी अनोखा बंधन चिल्ड्रन बुक ट्रस्ट दिल्ली से पुरस्कृत हुई है। इनकी कविता फेगड़े का पेड़् को वर्ष 2017 का प्रतिलिपि संपादकीय चयन कविता स मान तथा बाल साहित्य में इन्हें कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ मुरारी/सुनील