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जयपुर, 19 मई (हि.स.)। राजधानी जयपुर में मोहिनी एकादशी का व्रत वैशाख मास के शुक्ल पक्ष रविवार को मनाया जा रहा। इस अवसर पर मंदिरों में धार्मिक आयोजन हो रहे है और साथ ही ठाकुरजी का विशेष श्रंगार किया गया है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार एकादशी सभी पापों को हरने वाली उत्तम तिथि है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। इसके साथ ही दान पुण्य करने का विशेष महत्व होता है।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार उदया तिथि के आधार पर मोहिनी एकादशी का व्रत रविवार को ही रखा गया। इस बार मोहिनी एकादशी पर हस्त्र नक्षत्र व रविवार का संयोग होने से सर्वार्थ सिद्धि व अमृत सिद्धि का भी योग बनेगा, जो इस व्रत के लिए विशेष फलदायी रहेगा। श्री गोविंददेवजी मंदिर में मोहिनी एकादशी के मौके पर श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में भीड़ दर्शन करने पहुंची।
मोहिनी एकादशी के विशेष मौके पर श्री गोविंददेवजी मंदिर में रविवार को मंगला झांकी दर्शन के समय में परिवर्तन किया गया। श्रद्धालुओं को मंगला झांकी दर्शन के लिए 15 की जगह 45 मिनट का समय मिला। ऐसे में मंगला झांकी का समय सुबह 4.30 बजे का रहा। जबकि रोजाना मंगला झांकी का समय प्रातः 5 से 5.15 बजे तक रहता है। मोहिनी एकादशी की वजह से मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहीं। इस वजह से मंगला झांकी दर्शन का समय बढ़ाया गया ताकि श्रद्धालुओं को ठाकुरजी के दर्शनों में परेशानी नहीं हो। अन्य झांकियों का समय यथावत रहा।
श्री शुक संप्रदाय के पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज ने बताया कि एकादशी का व्रत करने से भगवत चरणों की प्राप्ति होती है। यश, कीर्ति, श्रद्धा भंक्ति में बढ़ोतरी होती है। आचार्य पीठ सरस निकुंज में ठाकुर राधा सरस बिहारी जू सरकार का नित्य सेवा के साथ पंचामृत अभिषेक, चंदन श्रृंगार, पुष्प श्रृंगार के साथ मनोहारी झांकी सजाई गई है। मोहिनी एकादशी के रूप में ठाकुरजी को किशोरी जी की पोशाक पहनाई गई।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप