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- अब तक हुईं 1068 आग की घटनाएं, 1442.448 हेक्टेयर वन जलकर नष्ट
देहरादून, 15 मई (हि.स.)। उत्तराखंड में सबसे बड़ी चिंता बारिश का असंतुलन है। ऐसे में मौसम की मेहरबानी से दूसरे सप्ताह थमने वाली वनाग्नि अब तीसरे सप्ताह के शुरुआत से ही फिर बढ़ने लगी है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो तीन वनाग्नि की नई घटनाएं सामने आई हैं। इसमें तीन हेक्टेयर वन प्रभावित हुए हैं। जबकि इसके पहले वनाग्नि की घटनाएं न के बराबर थीं। हालांकि वन विभाग समेत सरकारी तंत्र वनाग्नि को लेकर अलर्ट मोड पर है। जनसहभागिता भी ली जा रही है।
उत्तराखंड में पर्वतीय जिलों में जंगलों की आग बड़ी चिंता का सबक बना हुआ है। हालांकि इन स्थितियों से निपटने के लिए वन विभाग कई तरह के प्रयास करने का दावा कर रहा है। लोगों की सहभागिता बढ़ाने के लिए भी कोशिश चल रही है। फिलहाल वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन उत्तराखंड के अपर मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा के अनुसार एक नवंबर 2023 से 15 मई 2024 तक कुल 1068 आग की घटनाएं हुई हैं। इसमें गढ़वाल में 404 व कुमाऊं में 575 तो वन्यजीव में 89 घटनाएं हुई हैं। आगजनी में 1442.448 हेक्टेयर वन प्रभावित हुए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/वीरेन्द्र