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काठमांडू , 20 मार्च (हि.स.)। चीन के ऋण से बनाए गए पोखरा अंतरराष्ट्रीय विमानस्थल के निर्माण में कई अनियमितताएं होने के खुलासे के अलावा वित्त मंत्री वर्षमान पुन की भूमिका को संदिग्ध बताया गया है। महालेखा परीक्षक द्वारा राष्ट्रपति को सौंपी गई सरकारी खर्चों की ऑडिट रिपोर्ट में वित्त मंत्री की भूमिका की अलग से जांच किए जाने की सिफारिश की गई है।
महालेखा परीक्षक द्वारा पोखरा विमानस्थल के निर्माण को लेकर की गई ऑडिट रिपोर्ट में माओवादी नेता तथा वित्त मंत्री वर्षमान पुन पर आर्थिक अनियमितता करने के अलावा बिना किसी अध्ययन के ही पोखरा में विमानस्थल के निर्माण को मंजूरी दिए जाने का मामला भी उठाया गया है। इतना ही नहींं, इस रिपोर्ट में पोखरा विमानस्थल के डिजाइन में ही कई कमियों को उजागर किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पोखरा में अन्तरराष्ट्रीय विमानस्थल की आवश्यकता नहीं होने के बावजूद वहां विमानस्थल को मंजूरी देना अपने आप में भ्रष्टाचार है। तत्कालीन वित्त मंत्री वर्षमान पुन जो कि इस समय भी प्रचण्ड सरकार में वित्त मंत्री हैं, उन्होंने चीन के ठेकेदारों को कई मायनों में फायदा पहुंचाया है।
ऑडिटर जनरल की वार्षिक रिपोर्ट में वर्षमान पुन पर विमानस्थल निर्माण करने वाली चीन की कंपनी को 2 अरब रुपये से अधिक की टैक्स छूट देने को भी भ्रष्टाचार की श्रेणी में रखते हुए इसकी जांच की सिफारिश की गई है। इसके अलावा पुन पर नेपाल के प्रचलित कानून और विधि प्रक्रिया को अनदेखा करते हुए चाइना एरो इंजीनियरिंग कंपनी को ठेका देने में संदिग्ध भूमिका की जांच की सिफारिश की गई है।
हिन्दुस्थान समाचार/ पंकज दास/दधिबल