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रांची, 07 दिसंबर (हि.स.)। नये कानून के तहत जेल से रिहा करने के लिए निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की दायर जमानत याचिका पर रांची के धन-शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की कोर्ट में शनिवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद पूजा सिंघल को कोर्ट ने राहत देते हुए दो-दो लाख रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत देने का आदेश दिया है। इसके अलावा उन्हें अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा करना होगा।
इससे पहले अदालत ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के अधीक्षक को यह बताने का निर्देश दिया था कि पूजा सिंघल कब से जेल में हैं और उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि कितनी हुई है। इसके आलोक में जेल अधीक्षक ने कोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया है। पूजा सिंघल लगभग 28 महीनों से जेल में बंद हैं। पूजा सिंघल के अधिवक्ता के अनुसार, नए कानून के तहत किसी मामले में लंबे समय से जेल में बंद आरोपित की न्यायिक हिरासत की अवधि उस मामले में दी जाने वाली सजा की एक तिहाई है तो उसे बेल दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि बीएनएस की धारा 479 के तहत कोई आरोपित, जिसका पहला अपराध है और उस धारा में होने वाली अधिकतम सजा का एक तिहाई अंडर ट्रायल में काट चुका है तो वह आरोपित जमानत का हकदार होगा।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने पांच मई, 2022 को पूजा सिंघल के 25 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान सीए सुमन सिंह के आवास और कार्यालय से 19.31 करोड़ रुपये कैश बरामद हुए थे। इसके बाद ईडी ने पूजा सिंघल और सीए सुमन सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों से हुई पूछताछ में ईडी को बेहिसाब पैसे और अन्य जगहों पर इन्वेस्टमेंट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली थी। पूजा सिंघल को 11 मई, 2022 को गिरफ्तार किया गया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे