शादी का झांसा देकर नेपाली युवतियों की चीन में हो रही है तस्करी 
कई पीड़ित युवतियों ने बीजिंग स्थित नेपाली दूतावास से किया संपर्क काठमांडू, 7 दिसंबर (हि.स.)। नेपाल में रह रहे चीनी युवकों द्वारा नेपाली लड़कियों को शादी का झांसा देकर उन्हें चीन ले जाने और वहां पर उन्हें शारीरिक एवं मानसिक यातना देने की कई घटनाएं स
शादी का झांसा देकर नेपाली युवतियों की चीन में हो रही है तस्करी 


कई पीड़ित युवतियों ने बीजिंग स्थित नेपाली दूतावास से किया संपर्क

काठमांडू, 7 दिसंबर (हि.स.)। नेपाल में रह रहे चीनी युवकों द्वारा नेपाली लड़कियों को शादी का झांसा देकर उन्हें चीन ले जाने और वहां पर उन्हें शारीरिक एवं मानसिक यातना देने की कई घटनाएं सामने आई हैं। चीन ले जायी गयीं ऐसी ही कई लड़कियों ने नेपाल लौटने के लिए बीजिंग स्थित नेपाली दूतावास से संपर्क किया है।

नेपाल के इमिग्रेशन विभाग के मुताबिक, इस साल अक्टूबर एवं नवंबर में ही चीन जाने के लिए तैयार 41 नेपाली लड़कियों को तस्करी के संदेह में एयरपोर्ट से लौटा दिया गया। पिछले एक वर्ष के भीतर चीनी नागरिक से शादी कर चीन जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे 184 युवतियों को वापस किया गया। हाल के वर्षों में चीनी लड़कों से शादी करने के बाद चीन जाने की इच्छा रखने वाली नेपाली लड़कियों की संख्या में वृद्धि हुई है।

इमिग्रेशन विभाग के तत्कालीन महानिदेशक कोष हरि निरौला ने बताया कि उनके कार्यकाल में ऐसे करीब ढाई सौ से अधिक नेपाली युवतियों को गलत नीयत से चीन ले जाने वाले चीनी युवकों के चंगुल से बचाया गया है। निरौला का कहना है कि इस तरह की शादी को रोकना मुश्किल है क्योंकि यह निजी पसंद का मामला है और लड़की के बालिग होने तथा उसके परिवार वालों की रजामंदी होने के कारण कानूनी रूप से इसको रोका नहीं जा सकता है।

निरौला ने बताया कि बड़े सपने और शादी के झांसे में आकर युवतियां चली तो जाती हैं लेकिन वहां पर कुछ दिन के बाद ही शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की शिकार हो जाती हैं। इतना ही नहीं इनमें से अधिकतर नेपाली लड़कियों को वेश्यावृत्ति में ढकेले जाने की दर्जनों शिकायत मिल रही हैं।

पिछले 15 महीनों में चीनी नागरिकों से शादी करने वाली नेपाली महिलाओं की संख्या 235 है। यह केवल काठमांडू जिला न्यायालय में पंजीकृत डेटा है। यह माना जा सकता है कि यह संख्या और भी अधिक है क्योंकि विवाह काठमांडू के अलावा अन्य जिला अदालतों से भी किए जा सकते हैं।

पिछले वर्ष नेपाली इमिग्रेशन विभाग ने एक नोटिस जारी कर चीनी नागरिकों से विवाह कर चीन जाने वाली लड़कियों को काठमांडू स्थित चीनी दूतावास से नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) को अनिवार्य बनाया है। बावजूद इसके लड़कियों को तस्करी करने के उद्देश्य से धड़ल्ले से शादी कर चीन ले जाने का सिलसिला अभी भी जारी है।

इमिग्रेशन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, चीनी दूतावास अब तक करीब 200 नेपाली युवतियों को चीनी नागरिकों से शादी के लिए एनओसी जारी कर चुका है। यह पिछले तीन वर्षों का आंकड़ा है। हालांकि नेपाली इंग्रेशन विभाग के आंकड़ों को देखें तो पिछले तीन साल में ही 500 से अधिक नेपाली युवतियां चीनी दूतावास द्वारा जारी एनओसी लेकर एयरपोर्ट आ चुकी हैं। यानी कि इनमें से 300 एनओसी फर्जी हैं।

निरौला बताते हैं कि नेपाल में एक ऐसा समूह है जो निम्न आय वर्ग की लड़कियों और उनके परिवार को बेहतर जीवन और पैसे का लालच देकर चीनी युवक से शादी कराते हैं और उन्हें चीन ले जाते हैं। इसके लिए पासपोर्ट से लेकर वीजा तक और चीनी दूतावास द्वारा जारी एनओसी तक की व्यवस्था उसी गिरोह द्वारा किया जा रहा है।

बीजिंग स्थित नेपाली दूतावास के उप प्रमुख सुरेंद्र यादव ने बताया कि आए दिन ऐसी लड़कियों का पत्र दूतावास को प्राप्त होता है और दर्जनों लड़कियां स्वयं भी दूतावास आती हैं जो शादी कर कुछ ही महीने पहले चीन आई हैं। उन्होंने कहा कि वो सभी अब नेपाल लौटना चाहती हैं। उनका मोबाइल एवं पासपोर्ट सब यहां आने के बाद जब्त कर लिया जाता है इसलिए वो ट्रैवल डॉक्यूमेंट बनाने के लिए आग्रह करती हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास